यूपी पर्यटन ने पोस्टर जारी कर पर्यटकों से पूछा - 'आपका अनुभव बनारस को लेकर कैसा रहा?'
बनारस के हर पल में उमंग है हर दिल में तरंग है। यहां आकर भोर और सांझ का अंतर भी मिट जाता है। कोई यहां के घाटों पर अध्यात्म को ढूंढता है तो कोई अंतरमन को टटोलता है। आपका अनुभव बनारस को लेकर कैसा रहा? बताइए।
वाराणसी, इंटरनेट डेस्क। देश में कोरोना संक्रमण काल के दौरान सबसे अधिक असर प्रदेश के पर्यटन पर पड़ा है। लिहाजा प्रदेश में पर्यटन को पटरी पर लाने के लिए यूपी पर्यटन की ओर से भी विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। बीते माह भर में यूपी पर्यटन की ओर से वाराणसी और पूर्वांचल के आसपास के जिलों को लेकर पोस्टर जारी कर पर्यटकों को आगामी पर्यटन सीजन में नई जानकारी साझा कर पर्यटक स्थलों की ब्रांडिंंग की जा रही है। इसी कड़ी में गुरुवार की शाम यूपी पर्यटन ने सुबह-ए-बनारस और शाम-ए-बनारस की थीम को साझा करते हुए पोस्टर जारी कर पर्यटकों से उनके अनुभव पूछे गए हैं।
यूपी पर्यटन ने पोस्ट जारी कर लिखा है कि- 'बनारस के हर पल में उमंग है, हर दिल में तरंग है। यहां आकर भोर और सांझ का अंतर भी मिट जाता है। कोई यहां के घाटों पर अध्यात्म को ढूंढता है तो कोई अंतरमन को टटोलता है। आपका अनुभव बनारस को लेकर कैसा रहा? बताइए।' इसके साथ ही यूपी पर्यटन ने शाम-ए- बनारस और सुबहे-बनारस के भावों को उकेरते पोस्टर भी जारी किया है। पोस्टर में एक श्रद्धालु हाथों में दीपदान करने के लिए गंगा की ओर रुख कर रहा है। इस पोस्टर के जारी होने के बाद लोगों ने भी इसे शेयर कर अपने अनुभवों को साझा किया है।
कोरोना संक्रमण काल के बाद यूपी में पर्यटन के नए अवसरों को गति देने के क्रम में यूपी पर्यटन समय- समय पर पोस्टर जारी कर पर्यटन स्थलों और उनकी महत्ता के बारे में प्रकाश डालता रहता है। इस बार काशी में गंगा और गंगा किनारे की सभ्यता और संस्कृति के साथ ही गंगा घाट पर बदल रहे संस्कारों और उम्मीदों के साथ ही आस्था के दीपों को समय से परे बताते हुए पर्यटकों से वाराणसी आने पर उनके साथ हुए अनुभवों के बारे में पूछा है।