आजमगढ़ के फूलपुर-पवई में संशय में समर्थक, पिता के पास जाएं या बेटे से रिश्ते बढ़ाएं
UP Vidhan Sabha Chunav 2022 फूलपुर-पवई विधानसभा क्षेत्र के अंबारी स्थित यदुवंशी किला में कुछ ऐसा ही देखने को मिला। सपा ने उम्मीदवारों की सूची जारी की तो रमाकांत समर्थकों के इंतजार में बैठे थे। वहीं अरुणकांत की भी कमोबेश यही स्थिति रही।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : सियासत में सबकुछ जायज है ...। लेकिन जनता तो निश्छल है, आखिर करे भी तो क्या? फूलपुर-पवई विधानसभा क्षेत्र के अंबारी स्थित यदुवंशी किला में कुछ ऐसा ही देखने को मिला। सपा ने उम्मीदवारों की सूची जारी की तो रमाकांत समर्थकों के इंतजार में बैठे थे। वहीं अरुणकांत की भी कमोबेश यही स्थिति रही। संशय के कारण बहुत देर बाद सन्नाटा टूटा जब अरुणकांत लखनऊ के लिए रवाना हो गए।
वर्ष 2017 में फूलपुर-पवई सीट भाजपा की होने के कारण सपा की उम्मीदवारी को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन जब रमाकांत के नाम की घोषणा हुई तो दावों पर विराम लगने के साथ नई बहस भी छिड़ गई। कारण कि भाजपा पहले ही कह चुकी है कि सीटिंग एमएलए का टिकट नहीं काटने जा रही, तो रमाकांत को लेकर दूसरी बात कि क्या 29 साल बाद फिर साइकिल की सवारी कर विधानसभा पहुंच पाएंगे। रमाकांत 1985 में कांग्रेस (ज) , 1989 में बसपा, 1991 में जनता पार्टी और 2003 में सपा से विधानसभा पहुंचे थे। जबकि अरुणकांत वर्ष 2017 व उससे पूर्व 2007 में लड़े और जीते भी। ऐसे में यही कहा जा सकता है कि मुकाबला रोमांचक होगा। रमाकांत यादव का कहना है कि सपा मुखिया ने भरोसा जताया है तो मेरा फर्ज होगा कि सीट जीतकर उन्हें मजबूत करूं, जबकि अरुणकांत का कहना है कि लड़ाई रिश्ते से नहीं विचारों की है, जनता तय करेगी फूलपुर-पवई किसका होगा? ऐसे में असमंजस में पड़ी जनता जरूर यह कहते सुनी गई कि बड़ी मुश्किल में हूं किधर जाऊं, इधर जाऊं या उधर ...।