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कौन लगाएगा बाहुबली मुख्तार अंसारी के किले में सेंध? जानिए मऊ सदर सीट के सियासी हालात

आचार संहिता लागू के बाद मतदाता स्वच्छ छवि के संभावित प्रत्याशी को ही तरजीह देने की दबी जुबान से वकालत कर रहा है। वैसे प्रशासन ने बाहुबली के आर्थिक साम्राज्य को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है। ऐसे में टिकट मिलने के बाद ही दावेदारों की स्थिति साफ हो पाएगी।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 11:40 AM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 11:40 AM (IST)
कौन लगाएगा बाहुबली मुख्तार अंसारी के किले में सेंध? जानिए मऊ सदर सीट के सियासी हालात
प्रशासन ने बाहुबली के आर्थिक साम्राज्य को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है।

मऊ [जयप्रकाश निषाद]। लगातार पांच बार सदर विधानसभा का नेतृत्व कर चुके बाहुबली मुख्तार अंसारी के किले में सेध आखिरकार कौन लगाएगा, इसे लेकर सभी दलों व मतदाताओं में अभी असमंजस की स्थिति है। यही नहीं ताबड़तोड़ प्रशासनिक कार्रवाई से मुख्तार अंसारी का पूरा कुनबा किनारा कसे हुए हैं। उनके करीबी भी दूरियां बना चुके हैं। तमाम लोग मुंह खोलने को तैयार नहीं है। ऐसे में वोटरों का रुझान इस बार अलग तरह का दिख रहा है। आचार संहिता लागू होने के बाद मतदाता स्वच्छ छवि के संभावित प्रत्याशी को ही तरजीह देने की दबी जुबान से वकालत कर रहा है। वैसे प्रशासन ने बाहुबली के आर्थिक साम्राज्य को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है। ऐसे में टिकट मिलने के बाद ही दावेदारों की स्थिति साफ हो पाएगी।

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जनपद की सदर विधानसभा सीट पर लगातार माफिया मुख्तार अंसारी का एकतरफा राज रहा है। 1996 से लगातार अभी तक पांच चुनावों में मुख्तार अंसारी का एकतरफा बिगुल बजता रहा है। उनकी एकतरफा जीत होती रही है। अब योगी सरकार में मुख्तार अंसारी गिरोह के विरुद्ध चल रही धड़ाधड़ कार्रवाई से जरूर विधायक के काफी करीबी जेल की सलाखों के पीछे हैं। तमाम लोग उनसे अपना रिश्ता भी तोड़ चुके हैं। कभी उनके इशारों पर नाचने वाले लोग उनके नाम पर कतराने लगे हैं। इसके बावजूद मुख्तार के किला को ढहाना आसान नहीं है। 2022 के चुनाव से सभी दलों ने अपना-अपना जाल बिछाना शुरू कर दिया है। 2017 के चुनाव पर नजर डालें तो मुख्तार अंसारी को 96,793 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर रहे भाजपा समर्थित सुभासपा के महेंद्र राजभर को 88,095 वोट मिले थे। वह 8,698 वोट से हार गए थे।

1996 से चल रहा जीत का कारवां : मुख्तार 1996 में पहली बार विधानसभा चुनाव में बसपा के उम्मीदवार के तौर पर उतरे और जीत हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने पलटकर नहीं देखा। निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 2002 और 2007 में चुनाव जीता। इसके बाद 2012 में उन्होंने कौमी एकता दल का गठन करके चुनाव मैदान में उतरा और जीत हासिल कर चौथी बार जीत का रिकार्ड बनाया। 2017 विधानसभा चुनाव में बीएसपी से उतरे और मोदी लहर में भी जीत हासिल की। 

2005 से जेल में बंद है बाहुबली मुख्तार : मऊ जिले के साथ- साथ गाजीपुर और बलिया की कुछ सीटों पर भी मुख्तार अंसारी खासा प्रभाव डालता रहा है। वह 2005 से जेल में बंद हैं। जेल में रहते हुए भी पिछले तीन विधानसभा चुनाव जीत कर अपना दबदबा बनाए रखा। 2009 के लोकसभा चुनाव में भी वह वाराणसी से मैदान में उतरे थे। बीजेपी के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी के पसीने छुड़ा दिए थे। मुरली मनोहर जोशी ने बहुत कम वोटों से जीत हासिल की थी।

सदर से दावेदारों की भरमार : आचार संहिता घोषित कर दिए जाने के बाद अब सदर सीट पर दावेदारों की भरमार है। फिलहाल अभी तक किसी पार्टी ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। भाजपा की तरफ से कई लोग लाइन में है। उसी तरह सपा की तरफ से संभावित प्रत्याशी निगाहें गड़ाए हैं। तो वहीं बसपा ने अपने प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर पर दांव चला है। ताबड़तोड़ कार्रवाई की वजह व मुख्तार अंसारी के बांदा जेल में बंद होने की वजह से उनकी दावेदारी पर प्रश्नचिह्न लगा हुआ है।

विधानसभा चुनाव 2017 का परिणाम--

1- मुख्तार अंसारी - बसपा - 96,793 - 36.39

2- महेंद्र राजभर - सुभासपा - 88,095 - 33.12

3- अल्ताफ अंसारी - सपा - 72,016 - 27.07

मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र (356)

- कुल मतदाता - 4,77,298

- पुरुष मतदाता - 2,51,781

- महिला मतदाता - 2,25,487

- पहली बार मतदाता सूची में शामिल वोटर -3386

- थर्ड जेंडर वाले मतदाता - 30


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