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यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : वाराणसी देश के प्रत्येक मुद्दे पर चर्चा में आगे, मतदान में काफी पीछे

UP Vidhan Sabha Chunav 2022 वाराणसी में मतदान के रिकार्ड पर बात करें तो 2012 के विधानसभा चुनाव में यहां महज 57.35 फीसद वोटिंग हुई थी। निर्वाचन आयोग की टीम ने पिछले सप्ताह निर्वाचन तैयारियों की समीक्षा के दौरान काशी में कम वोटिंग को लेकर आला अफसरों को घेरा था।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 05:09 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 05:09 PM (IST)
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : वाराणसी देश के प्रत्येक मुद्दे पर चर्चा में आगे, मतदान में काफी पीछे
UP Vidhan Sabha Chunav 2022 : वाराणसी में इसबार मतदान 70 फीसद से अधिक कराने का लक्ष्य तय किया गया।

जागरण संवाददाता, वाराणसी : काशी की सुशिक्षित व प्रबुद्ध जनता देश के प्रत्येक मुद्दे पर अपने विचारों को साझा करने में आगे रही है। लेकिन दुर्भाग्य कहे या जो नाम दे लें लोकतंत्र के महादान मतदान में पीछे रहती है या यूं कह सकते हैं कि यहां 38 फीसद से अधिक मतदाता बूथ पर वोट देने ही नहीं जाते हैं। 2012 से अब तक यानी 10 साल में यहां हुए लोकसभा व विधानसभा चुनाव में अधिकतम वोटिंग का रिकार्ड कुल 61.62 दर्ज है।

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निर्वाचन आयोग की टीम ने पिछले सप्ताह वाराणसी में निर्वाचन तैयारियों की समीक्षा के दौरान काशी में कम वोटिंग को लेकर आला अफसरों को घेरा था। पूछा था कि विद्वतजनों की नगरी में इतना कम वोटिंग क्यों होती है। हालांकि अधिकारियों के पास इसका कोई माकूल जवाब नहीं था। दो दिन पूर्व पत्रकारों के साथ बैठक के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी ने इस बात को साझा किया था। साथ ही यह भी कहा कि इस बार वोटिंग पर्सेंटेज बढ़ाना है, बनारस को अव्वल बनाना है। मतदान 70 फीसद से अधिक कराने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए कम वोटिंग वाले बूथों को चिह्नित कर अभियान चलाने का प्लान बनाया गया है। स्वीप इस दिशा में कार्य करना शुरू कर दिया है।

रिकार्ड दिखा रहा आइना

काशी में मतदान के रिकार्ड पर बात करें तो वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में यहां महज 57.35 फीसद वोटिंग हुई थी। इसमें पुरुष 57.92 फीसद तथा महिला वोटिंग 56.64 फीसद थी। वोटिंग के प्रतिशत कम होने को प्रशासन ने बहुत गंभीरता से लिया था। इसके बाद कम वोटिंग वाले बूथ व क्षेत्र चिह्नित कर जागरूकता अभियान चला। 2014 के लोकसभा चुनाव में इसका फायदा नहीं दिखा। इस चुनाव में 58.33 फीसद मतदान हुआ। इसमें पुरुष वोटर 59.36 फीसद तो महिला 57.04 फीसद रही। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में कुल 61.62 फीसद मतदान हुआ था। इसमें 60.94 फीसद पुरुष व 62.46 फीसद महिलाओं ने वोटिंग की थी। प्रशासन ने राहत की सांस ली व और आगे इसे बढ़ाने का संकल्प लिया किंतु वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कुल 58.80 फीसद ही मतदान हुआ। इसमें पुरुष वोटर की संख्या 59.88 फीसद व महिला वोटर 57.48 फीसद शामिल था। स्वीप (व्यवस्थित मतदाता नामांकन व चुनावी भागीदारी)ने वोटिंग बढ़ाने को लेकर लगातार प्रयासरत है लेकिन अधिकतम 61.62 फीसद से अधिक वोटिंग का रिकार्ड नहीं टूटा। जिले के 38 फीसद लोग मतदाता होने के बाद भी बूथ पर वोट देने नहीं जा रहे हैं। प्रशासन ने इस बार इसको चुनौती के रूप में स्वीकार किया है।

सबसे कम वोटिंग बीएचयू परिसर में

लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान सबसे कम वोटिंग कैंट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत काशी हिंदू विश्वविद्यालय कला संकाय में बने बूथ संख्या 366 पर 21.24 फीसद हुई थी। इसके बाद बूथ संख्या 40 पूर्व रेलवे जनता विद्यालय छित्तुपुर में 27.04 फीसद व बूथ संख्या 398 प्राथमिक विद्यालय पूर्वाेत्तर रेलवे स्टेडियम कालोनी में 30.67 फीसद वोटिंग हुई थी। यह तीनों बूथ कैंट विधानसभा क्षेत्र में है।

पुरुष साक्षरता 85.12 फीसद

विधानसभा चुनाव से पूर्व जिले की अनुमानित आबादी वर्ष 2022 में 42 लाख 96 हजार 722 आंकी गई है। जिले में इस समय कुल मतदाता की संख्या तीस लाख 29 हजार 215 है। आबादी की तुलना में 70 फीसद जिले में वोटर हैं। जिले की साक्षरता 77.57 फीसद के पास पहुंच चुकी है। पुरुष साक्षरता 85.12 व महिला साक्षरता 68.20 फीसद है।


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