दसवीं-बारहवीं के परीक्षार्थियों को औसत अंक देने यूपी बोर्ड ने अब ई-मेल से मांगा सुझाव
दसवीं-बारहवीं के परीक्षार्थियों औसत अंक देने के लिए यूपी बोर्ड अब तक कोई सर्वमान्य फार्मूला नहीं तैयार कर सका है। इसके लिए शासन से लगायत बोर्ड तक मंथन जारी है। तमाम बैठकों के बाद भी किसी एक पहलू पर अब तक सहमति नहीं बन सकी है।
वाराणसी, जेएनएन। दसवीं-बारहवीं के परीक्षार्थियों औसत अंक देने के लिए यूपी बोर्ड अब तक कोई सर्वमान्य फार्मूला नहीं तैयार कर सका है। इसके लिए शासन से लगायत बोर्ड तक मंथन जारी है। तमाम बैठकों के बाद भी किसी एक पहलू पर अब तक सहमति नहीं बन सकी है। इसे देखते हुए बोर्ड ने अब ई-मेल के माध्यम से सुझाव मांगा है। मेल के माध्यम से अभिभावक, छात्र, प्रधानाचार्य, अध्यापक कोई भी दस जून को दोपहर दो बजे तक सुझाव दे सकता है। इन सुझावों के आधार पर बोर्ड कोई सर्वमान्य फार्मूला निकलाने का प्रयास करेंगी। इन तमाम कवायदों के पीछे बोर्ड की मंशा यह है कि किसी भी छात्र का कोई अहित न हो सके।
इस क्रम में गत दिनाें शासन की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने प्रदेशभर के माध्यमिक शिक्षाधिकारियों, प्रधानाचार्यों व अभिभावकोंकी वीडियो कान्फ्रेंसिंग भी बुलाई थी। इसमें प्री-बोर्ड व गृह परीक्षाओं के आधार पर दसवीं-बारहवीं के परीक्षार्थियों औसत अंक देने की बात सामने अाई। वहीं ऐसे भी तमाम विद्यार्थी है जो प्री-बोर्ड या गृह परीक्षाओं में अनुस्थित रहे हैं। ऐसे विद्यार्थियों को औसत अंक देने में कठिनाई आ रही है। इस फार्मूले से कहीं न कहीं विद्यार्थियों का नुकसान हो रहा है। इसके अलावा प्रथम, द्वितीय व तृतीय श्रेणी का आधार तय करने को लेकर भी बोर्ड में मंथन जारी है।
सूबे के कुछ विद्यालयों प्री-बोर्ड व गृह परीक्षाओं में परीक्षार्थियों को मनमाने तरीके से अंक दे दिए है। प्री-बोर्ड में जिस विद्यार्थी को 50 फीसद अंक दिए गए हैं। वहीं आतंरिक मूल्यांकन में उसी परीक्षार्थी को 96 फीसद से भी अधिक अंक दे दिए गए हैं। इस प्रकार प्री-बोर्ड व आतंरिक मूल्यांकन के अंक में काफी अंतर है। इन तमाम कारणों को देखते हुए बोर्ड से सभी अभिभावकों, प्रधानाचार्यों, शिक्षकों व छात्रों को सुझाव देने के लिए खुला आमंत्रण दिया है। बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल की ओर से जारी आदेश में सभी हितधारकों को ई-मेल से सुझाव देने का अनुराेध किया गया है। दूसरी ओर संयुक्त शिक्षा निदेशक अजय कुमार द्विवेदी व जिला विद्यालय निरीक्षक डा. वीपी सिंह ने सभी विद्यालयों से सुझाव मांगा है ताकि इसके आधार पर बोर्ड को सुझाव भेजा जा सके।