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यूपी बोर्ड परीक्षा : शिक्षा माफियाओं के खेल के कारण 88 स्कूलों की जीओ लोकेशन फेल

माध्यमिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत भदोही में संचालित हाईस्कूल इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा को संपन्न कराने को लेकर केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया शुरू है। परीक्षा को नकलविहीन संपन्न हो परिषद जहां पारदर्शितापूर्ण तरीके से केंद्र बनाने की कवायद में जुटा है/

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 11 Dec 2021 05:24 PM (IST)Updated: Sat, 11 Dec 2021 05:24 PM (IST)
शिक्षा माफियाओं के खेल के कारण 88 स्कूलों की जीओ लोकेशन फेल

जागरण संवाददाता, भदोही : माध्यमिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत संचालित हाईस्कूल, इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा को संपन्न कराने को लेकर केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया शुरू है। परीक्षा को नकलविहीन संपन्न हो परिषद जहां पारदर्शितापूर्ण तरीके से केंद्र बनाने की कवायद में जुटा है तो शिक्षा माफिया भी जोड़-तोड़ करने में जुटे हैं। शिक्षा माफियाओं के इस खेल में परिषद को भेजा गया 88 विद्यालयों का जीओ लोकेशन फेल हो गया है। परिषद ने अब तीसरी बार जीओ लोकेशन मैपिंग चार्ट भरने का निर्देश जारी कर दिया है। अबकी बार यदि फर्जीबाड़ा हुआ तो गलत लोकेशन देने वाले विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई तय की जाएगी।

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बोर्ड परीक्षा में केंद्रों की सही स्थिति की जानकारी के लिए आनलाइन जीओ लोकेशन मैपिंग चार्ट भरने की प्रक्रिया कराई जाती है। इससे यह ज्ञात हो जाता है विद्यालय कहां है तो उससे अन्य विद्यालयों की दूरी क्या है। जीओ लोकेशन के बाद परिषद के लिए केंद्र निर्धारण करना आसान हो जाता है। अब देखा जाय तो पहले दी गई लोकेशन के सत्यता जांचने के लिए दोबारा जीओ लोकेशन लिया गया तो जिले में स्थित 183 में से 88 विद्यालयों के लोकेशन में विसंगति सामने आ गई। परिषद ने फिर से जीओ लोकेशन देने का निर्देश दिया है तो इस बार किसी तरह की गड़बड़ी न होने पाए सख्त हिदायत दी गई है कि विद्यालय परिसर में ही खड़े होकर लोकेशन देना है। लोकेशन देने के लिए 14 दिसंबर तक की तिथि तय की गई है।

क्या है जीओ लोकेशन

जीओ लोकेशन माध्यमिक शिक्षा परिषद का एक एप है। जिसे मोबाइल में डाउनलोड कर जब विद्यालय में खड़े होकर आन किया जाता है और लोकेशन दी जाती है तो यह जानकारी हो जाती है कि उस विद्यालय से एक किमी, दो किमी, पांच किमी व 10 किमी आदि की परिधि के अंतर्गत कितने विद्यालय है। इससे नजदीकी विद्यालय को केंद्र निर्धारण में आसानी होती है।

क्या होता है खेल

जीओ लोकेशन भरने में खेल यह होता है कि शिक्षक विद्यालय परिसर के बजाय किसी ऐसे स्थान पर जाकर जीओ लोकेशन आन कर जानकारी दे देते हैं। जिस विद्यालय को वह अपने विद्यालय का केंद्र बनवाना चाहते हैं। इससे उनके स्कूल के नजदीक वह विद्यालय दर्शाने लगता है। हालांकि दो बार जीओ लोकेशन लेने पर मामला खुलकर सामने आ गया।

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- परिषद की ओर से 88 विद्यालयों से तीसरी बार जीओ लोकेशन मांगा गया है। इस बार इन विद्यालयों के शिक्षक यह प्रमाण लिखकर देंगे कि उन्होंने अपने विद्यालय में खड़े होकर लोकेशन दिया है। शिक्षकों से प्रमाण हासिल करने को तहसीलवार राजकीय विद्यालयों के एक-एक प्रधानाचार्य को नोडल नामित किया गया है। जो प्रमाण पत्र लेकर डीआईओएस कार्यालय को देंगे। जीओ लोकेशन में किसी तरह की गड़बड़ी न करने की चेतावनी दी गई है। -- नंदलाल गुप्ता, जिला विद्यालय निरीक्षक, भदोही।


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