UP Board Exam : दो केंद्रों पर एक- एक परीक्षार्थी की निगरानी के लिए तैनात रही शिक्षकों की टीम
यूपी बोर्ड की परीक्षाएं बीती 15 फरवरी से ही शुरू हो चुकी है दूसरे दिन बुधवार को दोनों पालियों की परीक्षा में परीक्षार्थियों की संख्या कम थी।
वाराणसी, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में यूपी बोर्ड की वार्षिक परीक्षा बीती 15 फरवरी से ही शुरू हो गई है। बोर्ड परीक्षा के दूसरे दिन बुधवार को दोनों पालियों की परीक्षा में परीक्षार्थियों की संख्या काफी कम थी। प्रथम पाली में लंका स्थित मालवीय शिक्षा निकेतन बालिका इंटर कालेज केंद्र पर इंटर के संगीत गायन में महज एक परीक्षार्थी था। इसी प्रकार द्वितीय पाली में राजकीय क्वींस इंटर कालेज केंद्र पर हाईस्कूल के संगीत गायन में महज एक परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुआ। इस दौरान दोनों केंद्रों पर एक-एक परीक्षार्थी के लिए दस- दस एक परीक्षार्थी की निगरानी के लिए दस लोगों की ड्यूटी लगाई गई थी।
केंद्राध्यक्ष, सहायक केंद्राध्यक्ष, दो कक्ष निरीक्षक के अलावा चार सदस्यीय आंतरिक सचल दस्ता व दो कर्मचारियों की ड्यूटी परीक्षा में लगाई गई थी। प्रथम पाली में हाईस्कूल में पालि, अरबी व फारसी व इंटर में संगीत गायन-वादन व नृत्य कला की परीक्षा 15 केंद्रों पर थी। इसी प्रकार द्वितीय पाली में हाईस्कूल में संगीत व इंटर की व्यावसायिक वर्ग के परीक्षार्थियों की परीक्षा थी। अधिकांश केंद्रों पर परीक्षा न होने के कारण सन्नाटा पसरा रहा।
दूसरे दिन भी नेट की रही समस्या
परीक्षा के दूसरे दिन भी कई केंद्रों पर इंटरनेट कनेक्टविटी की समस्या देखी गई। कैमरा ऑन होने के बावजूद राजकीय बालिका इंटर कालेज, अग्रसेन कन्या इंटर कालेज केंद्र का लखनऊ स्थित राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम संपर्क नहीं हो पा रहा था। इसके लिए राज्यस्तरीय कंट्रोल रूम की टीम ने कई बार जनपदीय कंट्रोल रूम संपर्क करना पड़ा। वहीं कुछ ही केंद्रों पर परीक्षा होने के कारण राज्यस्तरीय कंट्रोल रूम मानीटरिंग करने में कठिनाई हुई। जनपदीय कंट्रोल रूम ने जिन केंद्रों व कमरों में परीक्षा हो रही थी। उसकी जानकारी राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम को दी। इसके बाद राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम संबंधित केंद्रों की ऑनलाइन निगरानी करता रहा।
कक्ष निरीक्षकों की कमी दूर करने में जुटा विभाग
पहले दिन हिंदी की परीक्षा में कई केंद्रों पर कक्ष निरीक्षकों की कमी पड़ गई। इसे देखते हुए डीआइओएस कार्यालय कक्ष निरीक्षकों की कमी दूर करने में जुटा हुआ है। शिक्षा विभाग की निगाहें अंग्रेजी, विज्ञान, गणित जैसे विषयों में पर टिकी हुई है। शिक्षकों को परीक्षा ड्यूटी अनिवार्य रूप से करने का निर्देश दिया गया है।