यूपी बोर्ड 2021 : छात्रों को घबराने की जरूरत नहीं, अब भी है दो माह से अधिक समय
यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाएं 24 अप्रैल से शुरू होंगी। टाइम टेबल जारी होने के बाद परीक्षा की तैयारी को लेकर छात्रों ने तनाव होना स्वाभाविक है। कोरोना काल की विषम परिस्थितियों को देखते हुए सिलेबस में खुद ही 30 फीसद की कटौती कर दी है।
वाराणसी, जेएनएन। यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाएं 24 अप्रैल से शुरू होंगी। टाइम टेबल जारी होने के बाद परीक्षा की तैयारी को लेकर छात्रों ने तनाव होना स्वाभाविक है। ध्यान देने के बात यह कि कोरोना काल की विषम परिस्थितियों को देखते हुए बोर्ड ने सिलेबस में खुद ही 30 फीसद की कटौती कर दी है। इस तरह कठिनाई कम हो चुकी है। परीक्षा की तैयारी करने के लिए अब भी दो माह से ज्यादा का समय उपलब्ध है। ऐसे में छात्र यदि स्वयं की शक्ति पर भरोसा रखकर सटीक प्लान के साथ परीक्षा की तैयारी करें तो अच्छे अंक हासिल कर पाना बिल्कुल संभव है। सफलता हासिल करने के लिए सकारात्मक सोच व आत्म विश्वास बेहद जरूरी है।
वर्तमान समय नार्मल स्टडी टाइम : कॅरियर काउंसलर रवींद्र सहाय ने बताया कि परीक्षा की तैयारी के लिए अभी काफी समय है। ऐसे में नार्मल स्टडी का समय चल रहा है। छात्र महत्वपूर्ण प्रश्नों के नोट्स बनाएं और चैप्टर के अनुसार पढ़ाई करें। प्रत्येक विषय के उन चैप्टरों को पहले पढ़ें जो सरल और सहज लगते हों। इसके बाद उन चैप्टरों को पढ़ें, जो थोड़े कठिन लगते हों। सबसे कठिन लगने वाले चैप्टर को अंत में रखें।
एक्टिव रिकाल व रिवीजन : परीक्षा से पहले का वक्त एक्टिव रिकाल व रिवीजन का मुख्य समय होता है। कुछ विद्यार्थी परीक्षा को मुसीबत समझकर इस समय रट-रट कर तैयार करने की कोशिश करते हैं। रटने के स्थान पर लिखकर रिवीजन करना चाहिए।
मॉक सेशन से अंकों की उड़ान संभव : मॉक टेस्ट एक ऐसा मंत्र हैं, जिसके माध्यम से परीक्षा की तैयारी का स्वमूल्यांकन किया जा सकता है। साथ की कमजोरियों को तलाश कर उनसे मुक्ति पाई जा सकती है। घड़ी देखकर तीन घंटे में मॉडल पेपर प्रश्न-पत्र ईमानदारी से हल करें। इसका मूल्यांकन स्वयं करें। साथियों या अध्यापकों से कराएं। जिन प्रश्नों के उत्तर गलत निकलें, उनकी तैयारी कर फिर मॉक टेस्ट दें। एक विषय का कम से कम पांच मॉक टेस्ट दें। याद रखें, इस वर्ष पाठ्यक्रमों में तीन फीसद की कटौती हुई है। ऐसे में मॉडल पेपर का चयन सावधानी पूर्वक करें। पुराने प्रश्नपत्रों के स्थान पर विद्यालय के अध्यापकों द्वारा तैयार मॉडल पेपर या प्री-बोर्ड के पेपर से मॉक टेस्ट करें। इस तरह एग्जाम टेंप्रामेंट विकसित करें। ऐसा करने से आपकी तैयारी कैसी है, इसका आकलन और कमियों को दूर करना संभव होगा।
ध्यान रखें
- टाइम टेबल तीन भाग में बांटकर करें तैयारी- याद करने वाले, प्रैक्टिस करने वाले व सैद्धांतिक विषय
- आप सिर्फ आप हैं, आप अपने तरीके से ही अपनी पढ़ाई बेहतर ढंग से कर संभव सकते हैं
- दूसरों को देख कर अनुकरण न करें, जब भी पढ़ें, खुश होकर। विषय बोरिंग लगे तो बदलाव करें
- प्रैक्टिस कुछ यूं करें- लिखकर, चित्र बनाकर या अपने तरीके से कांसेप्ट विकसित करके।
- सभी प्रश्नों के उत्तर संक्षिप्त और सर्वथा टू-द-प्वााइंट उत्तर दें। आधे-अधूरे उत्तर कतई न दें।
- बहुत सारे विषय फार्मूले पर आधारित होते हैं। उन्हें समझने के लिए एकाग्रता नितांत जरूरी है।