UP : मऊ के अजीत सिंह पर दर्ज थे दर्जन भर मुकदमे, मुख्तार अंसारी गिरोह से था जुड़ा
मऊ मुहम्मदाबाद गोहना कोतवाली क्षेत्र के ग्राम देवसीपुर निवासी पूर्व ब्लाक प्रमुख रानू सिंह के पति पूर्व ज्येष्ठ ब्लाक प्रमुख व वर्तमान प्रमुख प्रतिनिधि अजीत सिंह की लखनऊ विभूति खंड थाना के कठौता चौराहे पर बुधवार रात दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई।
मऊ, जेएनएन। मुहम्मदाबाद गोहना कोतवाली क्षेत्र के ग्राम देवसीपुर निवासी पूर्व ब्लाक प्रमुख रानू सिंह के पति पूर्व ज्येष्ठ ब्लाक प्रमुख व वर्तमान प्रमुख प्रतिनिधि अजीत सिंह की लखनऊ विभूति खंड थाना के कठौता चौराहे पर बुधवार रात दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। क्षेत्र के देवसीपुर निवासी राधेश्याम सिंह के पुत्र 38 वर्षीय अजीत सिंह भी हिस्ट्रीशीटर था। उसके विरुद्ध स्थानीय कोतवाली सहित विभिन्न थानों में कुल 12 मुकदमे दर्ज थे। स्थानीय क्षेत्र पंचायत की राजनीति हो या शराब का व्यवसाय कोई उसके खिलाफ मुंह खोलने की हिम्मत नहीं करता था। कभी दांत काटी दोस्ती रही आजमगढ़ के कुख्यात बदमाश कुंटू सिंह से इन दिनों 36 का आंकड़ा था तो पूर्व सगडी विधायक सर्वेश सिंह सीपू हत्याकांड में गवाह भी था।
वर्ष 2005 मे क्षेत्र पंचायत की राजनीति में पदार्पण करने वाला अजीत तत्कालीन ब्लाक प्रमुख सरस्वती देवी पत्नी ध्यानचंद के कार्यकाल में जेष्ठ उप प्रमुख के पद पर चुना गया था। इसके बाद 2010 में इसने अपनी पत्नी रानू सिंह को चुनाव लड़ाया। उसे ब्लाक प्रमुख बनवाया। धीरे-धीरे राजनीति में आगे बढ़ते गया। दबंगई का आलम यह कि कोई इसके विरुद्ध लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा सका। प्रमुख सीट आरक्षित होने पर इसने अपने घरेलू कर्मचारी के रूप में कार्य कर रही मनभावती राजभर को 2015 में मुहम्मदाबाद गोहना ब्लाक प्रमुख के पद पर चुनाव लड़ाया। मनभावती राजभर ब्लाक प्रमुख के पद पर निर्विरोध निर्वाचित हुई। तभी से यह मनभावती देवी के ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि बने हुआ था। शराब के व्यवसाय को लेकर अनेक नामचीन अपराधियों से पंगा ले रखा था। इसकी आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए जिला प्रशासन ने उसे छह माह पूर्व जिला बदल कर दिया था। इसी बीच वह लखनऊ गया था। वहां बुधवार की भ रायत गोमतीनगर में विभूति खंड थाना कठौता चौराहे पर बाइक सवार बदमाशों ने गोलियों से छलनी कर दिया। उसके ऊपर मुहम्मदाबाद गोहना कोतवाली में हत्या लूट छिनैती मारपीट आदि के 12 मुकदमे दर्ज हैं ।
छात्र राजनीति में दर्ज हुआ था पहला मुकदमा
अजीत सिंह के विरुद्ध पहला मुकदमा 2003 में मारपीट लूट हत्या का दर्ज हुआ। अजीत सिंह का विवाद राजकीय महाविद्यालय के छात्र संघ चुनाव के बीच से शुरू हुआ ।