Varanasi में पीएम रोजगार सृजन और सीएम युवा रोजगार से कोरोना काल में बेरोजगारों व श्रमिकों को मिला काम
वाराणसी में कोरोना काल में कई लोगों की नौकरी चली गई तो कुछ ने महामारी के डर से नौकरी छोड़ दी। ऐसे में उनके समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया लेकिन स्वरोजगार योजनाओं का लाभ दिलाने में राज्य व केंद्र सरकार की तत्परता ने जरूरतमंद चेहरों पर मुस्कान सजा दी।
वाराणसी, जेएनएन। कोरोना काल में कई लोगों की नौकरी चली गई तो कुछ ने महामारी के डर से नौकरी छोड़ दी। ऐसे में उनके समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया, लेकिन स्वरोजगार योजनाओं का लाभ दिलाने में राज्य व केंद्र सरकार की तत्परता ने जरूरतमंद चेहरों पर मुस्कान सजा दी। इससे बेरोजगारों को रोजगार की कोई कमी नहीं रही। गैर प्रदेश और जनपद से आए श्रमिकों समेत स्थानीय बेरोजगारों को जिला प्रशासन व संबंधित विभागों ने रोजगार देने में कसर नहीं छोड़ी। श्रमिकों को हुनर के अनुसार काम उपलब्ध कराया गया। यह नहीं, प्रशिक्षित श्रमिकों को बैंक लोन दिलाकर कुटीर उद्योग स्थापित कराए गए, जिससे आज वे खुशहाल जीवन जी रहे हैं। मनरेगा, जिला उद्योग एवं प्रोत्साहन केंद्र के जरिए भी लोगों को रोजगार मिला।
योजनाओं ने दिया सहारा
कोरोना संक्रमण से डरे लोग महानगरों से नौकरी, व्यवसाय और काम छोड़कर अपने घर चले आए। यहां पर उन्हें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार, एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के तहत सेवा, उद्योग तथा व्यवसाय के क्षेत्र में रोजगार व अनुदान दोनों मिले।
सेवा क्षेत्र
ब्यूटी पार्लर, होटल-रेस्टोरेंट, मोबाइल रिपेयरिंग, आटो सर्विस, टेंट हाउस आदि।
उद्योग क्षेत्र
फर्नीचर, मिनी राइस मिल, आलमारी, आयल मिल, पेपर का कप-प्लेट, रेडीमेड गारमेंट््स।
रोजगार मेेले में 5557 अभ्यर्थियों को नौकरी
सरकार की पहल पर गत वर्ष 26 फरवरी को कौशल विकास, क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय व राजकीय प्रशिक्षण संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में विशाल रोजगार मेले का आयोजन किया गया था। इसमें देश की 147 कंपनियों ने भागीदारी की। रोजगार मेले में रिकार्ड 5557 अभ्यर्थियों को नौकरी दी गई।
कोरोना काल में सेवायोजन ने लगाए 17 रोजगार मेले
कोरोना काल में भी सेवायोजन कार्यालय में 17 रोजगार मेले आयोजित हुए। इसमें 3211 युवकों को विभिन्न कंपनियों में रोजगार मिला। क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत बेरोजगार की संख्या करीब 35,600 है। अब पंजीकरण कराने वाले बेरोजगारों संख्या कम हो रही है। वर्ष 2018 में 10986 बेरोजगारों ने पंजीकरण कराया था। वहीं वर्ष 2019 में बेरोजगारों की संख्या 14814 हो गई। वर्ष 2019 में पंजीकरण कराने वालों की संख्या करीब 25 फीसद बढ़ी थी। वर्ष 2020 में 6092 युवाओं ने पंजीकरण कराया था। इसमें हाईस्कूल से स्नातक, पीएचडी सहित अन्य डिग्रीधारी युवक शामिल हैं। तीन साल के दौरान सेवायोजन कार्यालय हर वर्ष करीब 11000 युवाओं को विभिन्न निजी क्षेत्रों में समायोजित कराने में सफल रहा है।
चला मिशन रोजगार अभियान
बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने मिशन रोजगार अभियान शुरू किया। स्वरोजगार, कौशल प्रशिक्षण और अप्रेंटिसशिप के माध्यम से युवकों को रोजगार दिलाने की मुहिम शुरू की। डीएम कौशल राज शर्मा ने विभागों को रोजगार हेल्प डेस्क बनाने तक का निर्देश दिया है।
पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या
6316 : हाईस्कूल
8905 : इंटरमीडिएट
9991 : स्नातक
6046 : तकनीकी
35653 : कुल अभ्यर्थी
वर्ष रोजगार मेला चयनित
2014-15 12 4688
2015-16 15 5113
2016-17 14 11753
2017-18 18 11750
2018-19 21 11350
2019-20 22 12564
2020-21 20 3534
170212: पंजीकृत मनरेगा श्रमिक
97351 : सक्रिय श्रमिक
रोजगार प्राप्त श्रमिकों की संख्या-
2017-18 53772
2018-19 49750
2019-20 46406
2020-21 109134 (अब तक)
कोविड-19 काल
53000 : आए प्रवासी श्रमिक
14400 : अकुशल श्रमिक
1000 : अद्र्धकुशल श्रमिक
22,123 : कुशल श्रमिक
21529 : लाभान्वित श्रमिक
7500 : अद्र्धकुशल श्रमिकों को रोजगार
पंजीकरण के साथ मिलता रोजगार
मनरेगा मांग आधारित श्रम रोजगार की योजना है जिसमें कार्य की मांग करने वाले स्थानीय निवासियों को उनके ग्राम में ही पंजीकरण कर रोजगार उपलब्ध करवाया जाता है। पंजीकरण कर जाबकार्ड कोई भी ग्रामवासी बनवा सकता है, मगर रोजगार तभी मिलेगा जब उसके द्वारा कार्य की मांग प्रस्तुत की जाए। अक्सर आइडी प्रूफ हेतु भी लोग जाबकार्ड बनवाते हैं।
इन योजनाओं से मिला रोजगार
गंगा की तटवर्ती 44 ग्राम पंचायतों में अवस्थापना आधारित परियोजनाओं पर फोकस किया गया। कुल 44 तालाब निर्माण, 264 सोक पिट, 77 कंपोस्ट पिट, 142 संपर्क मार्ग का निर्माण कार्य किया गया। इन ग्रामों में 12 गंगा मैदान, दो भूमिगत नाली निर्माण, 38 मेड़ बंदी तथा 27 खेत का समतलीकरण किया गया। इसके अलावा 109 गोवंश आश्रय स्थल, पूर्वोत्तर रेलवे के कुल 56 कार्य, पंचायत राज विभाग के 632 सामुदायिक शौचालय, 119 ग्राम पंचायत भवन निर्माण, उद्यान विभाग की 31 शाक-सब्जी वाटिका स्थापना आदि काम मजूदरों से कराए गए।
जाब कार्डधारकों को हमेशा रोजगार दिया जाता है
जाब कार्डधारकों को हमेशा रोजगार दिया जाता है, लेकिन कोरोना संक्रमण काल में बाहर से आए श्रमिकों को प्राथमिकता पर रोजगार दिलाए गए। कर्मचारियों को भेज कर श्रमिकों को बुलाया तक गया जिससे कोई बेरोजगार न रहे।
-करुणाकर अदीब, उपायुक्त मनरेगा