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वाराणसी में भूमिगत बिजली, बिना सड़क खोदाई के ही अन्य लाइनों के नीचे पड़ेंगे बिजली के तार

वाराणसी शहर में जितनी भी लाइनें वाटर टेलीफोन सीवर आदि की डाली गई हैं उन सभी के नीचे इस बार बिजली की लाइन डाली जाएगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 16 Jun 2020 02:17 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jun 2020 02:17 PM (IST)
वाराणसी में भूमिगत बिजली, बिना सड़क खोदाई के ही अन्य लाइनों के नीचे पड़ेंगे बिजली के तार
वाराणसी में भूमिगत बिजली, बिना सड़क खोदाई के ही अन्य लाइनों के नीचे पड़ेंगे बिजली के तार

वाराणसी, जेएनएन। शहर में जितनी भी लाइनें वाटर, टेलीफोन, सीवर आदि की डाली गई हैं, उन सभी के नीचे इस बार बिजली की लाइन डाली जाएगी। ताकि आए दिन खोदाई के दौरान तार कटने की समस्या से छुटकारा मिल सके। समूचे शहर में अंडर ग्राउंड बिजली के लिए तैयार किए गए मास्टर प्लान में यह योजना बनाई गई है। साथ ही जहां संकरी गलियां हैं वहां पर विशेष पाथवे बनेगा, जो पूरी तरह ढका रहेगा। इसी में बिजली की लाइन डाली जाएगी। ताकि गलियों को ज्यादा खोदने की जरूरत नहीं पड़े। कुछ इसी तरह के सुझाव इस प्लान में दिए गए हैं। हालांकि सोमवार को इस पर अंतिम मुहर नहीं लग पाई। कारण कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की ओर से कुछ और सुझाव दिए गए हैं।

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मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर कुछ साल पहले शहर के कई हिस्सों में अंडर ग्राउंड बिजली व्यवस्था की गई। जिन क्षेत्रों में यह व्यवस्था की गई है वहां पर लोकल फाल्ट काफी हद तक दूर हो गया है। लोगों को निर्बाध बिजली मिल रही है। साथ ही बिजली चोरी भी रूक गई है। लटकते तारों के जंजाल से लोगों को छुटकारा मिल गया है। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे शहर में अंडर ग्राउंड बिजली व्यवस्था करने के निर्देश दिए, जिसके बाद निगम ने सर्वे का कार्य नेशनल पावर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट को दिया। सर्वे का कार्य पूरा हो गया है। रिपोर्ट भी सौंप दी गई, लेकिन उसमें कुछ संशोधन होने हैं।

बिजली की लाइन विशेष पाइप में रहेंगी

संस्थान के महानिदेशक प्रो. आरके पांडेय ने बताया कि जितनी भी लाइनें डाली गई हैं उन सभी से गहरी बिजली की लाइन होगी। ताकि भविष्य में कटने का डर नहीं रहे। बिजली की लाइन विशेष पाइप में रहेंगी, जिसमें काफी जगह रहेगा। इससे कभी कोई फाल्ट दुरुस्त करना पड़े तो कोई दिक्कत नहीं हो। इसके अलावा सड़क के किनारे निकलने वाले केबिल बाक्स की ऊंचाई भी क्षेत्र के अनुसार तय की गई है। सर्वे पर निगम के प्रबंध निदेशक से वार्ता के बाद पत्र एवं बिल एक-दो दिन में सौंप दिया जाएगा।


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