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स्वच्छ भारत मिशन के तहत वाराणसी के 67 गांवों में शुरू हुई कूड़ा निस्तारण की अपनी व्यवस्था

स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में सालिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट (एसएलडब्ल्यूएम) के तहत वाराणसी में विशेष व्यवस्था शुरू की गई है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 11:29 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2020 11:29 PM (IST)
स्वच्छ भारत मिशन के तहत वाराणसी के 67 गांवों में शुरू हुई कूड़ा निस्तारण की अपनी व्यवस्था
स्वच्छ भारत मिशन के तहत वाराणसी के 67 गांवों में शुरू हुई कूड़ा निस्तारण की अपनी व्यवस्था

वाराणसी, जेएनएन। स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार ने  ग्रामीण क्षेत्र में सालिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट (एसएलडब्ल्यूएम) के तहत विशेष व्यवस्था शुरू की है। इसके तहत हर ग्रामसभा में 10 से 15 घरों को केंद्र बनाकर कार्य होगा। इसे जनपद के 760 ग्रामसभा में लागू किया जाएगा। फिलहाल इसे 67 गांवों में शुरू भी कर दिया गया है।

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योजना के तहत गीला व सूखा कूड़ा रखने के लिए अलग-अलग डस्टबिन तथा एक ठेले की भी व्यवस्था होगी। ग्राम प्रधान को ग्रामसभा या बंजर आदि सरकारी जमीन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दी गई है। ध्यान रखा जाएगा कि यह रिहायशी इलाके से दूर हो। यहां कूड़ा डालने के लिए दो गड्ढे खोदे जाएंगे। इसमें एक में कंपोस्ट तैयार होगी। दूसरे गड्ढे में प्लास्टिक कचरा इकट्ठा किया जाएगा। इसमें पालीथिन, कागज, थर्मोकोल, बैटरी, प्लास्टिक बोतलें आदि डाली जाएंगी। इसके बाद रोलिंग मशीन से प्लास्टिक कचरा रोल कर उसका उपयोग सड़क बनाने आदि में किया जाएगा। कंपोस्ट खाद की किसानों को बिक्री की जाएगी। पूरा कार्य सफाई कर्मी करेगा। इसे पूरे गांव की अपेक्षा छोटे रूप में सफल बनाने का प्रयास है। इस प्रक्रिया का व्यय कूड़ा से तैयार कंपोस्ट और प्लास्टिक कचरा की आय से निकला जाएगा।

तरल अपशिष्ट के लिए सोख्ता

जिन परिवारों ने शौचालय के दो गड्ढे की जगह सेफ्टी टैंक बनाकर नाली से (काला पानी) जोड़ा है उनसे सोख्ता बनवाया जा रहा है। इसी तरह घरों से की नालियों के सामान्य पानी पाइप से सोकपिट में डाला जाएगा। इसके लिए ग्राम पंचायतें नालियां बनवा रहीं हैं।

सेवापुरी विकास खंड के 82 ग्राम पंचायतों यह योजना शुरू करने की तैयारी 

वर्तमान में सेवापुरी विकास खंड के 82 ग्राम पंचायतों यह योजना शुरू करने की तैयारी है जबकि अन्य विकास खंड के 67 गांवों में लागू हो चुका है। धन की उपलब्धता के अनुसार पूरे जिले में इसे क्रियान्वित  किया जाएगा।

-शाश्वत आनंद सिंह, डीपीआरओ।


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