Move to Jagran APP

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत अब वाराणसी की महिलाएं घर भी चलाएंगी और गाड़ी भी दौड़ाएंगी

महिलाएं व्यवसायिक ड्राइविंग के क्षेत्र में उतरने से कतराती है। ड्राइविंग करना चाहती है लेकिन सुरक्षा व तमाम तामझाम के कारण कदम आगे नहीं बढ़ा पाती हैं। इसी हिचक को तोडऩे के लिए जिला प्रशासन ने बड़ी पहल की है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 06 Mar 2021 08:30 AM (IST)Updated: Sat, 06 Mar 2021 02:18 PM (IST)
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत अब वाराणसी की महिलाएं घर भी चलाएंगी और गाड़ी भी दौड़ाएंगी
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत अब वाराणसी की महिलाएं घर भी चलाएंगी और गाड़ी भी दौड़ाएंगी

वाराणसी, जेएनएन। महिलाएं व्यवसायिक ड्राइविंग के क्षेत्र में उतरने से कतराती है। ड्राइविंग करना चाहती है लेकिन सुरक्षा व तमाम तामझाम के कारण कदम आगे नहीं बढ़ा पाती हैं। इसी हिचक को तोडऩे के लिए जिला प्रशासन ने बड़ी पहल की है। कमिश्नर ने पिछले दिनों सरस मेला के समापन के दौरान मंच से घोषणा की थी कि अगर महिलाएं ड्राइविंग के क्षेत्र में आना चाहती हैं तो स्वागत है। सुरक्षा का बंदोबस्त प्रशासन करेगा। इतना ही नहीं महिलाओं के व्यवसायिक वाहन (टैंपों, टैक्सी या अन्य वाहन) का रंग भी अलग होगा। कोड नम्बर इतर होगा।

loksabha election banner

महिलाओं की संख्या अधिक रही तो वाहनों में पैनिक बटन की भी सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। खतरा के समय उसे बजाते ही महिला पुलिस फौरी मौके पर पहुंच जाएंगी। सेफ सिटी के अंतर्गत काशी में महिलाओं की सुरक्षा के लिए जगह-जगह पिंक बूथ बनेंगे। महिला पुलिस तैनात रहेगी। यह सब आपको सुरक्षा देंगी।

ड्राइविंग के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। वाहन क्रय को भी बैंक से आसान किस्तों में ऋण आदि मुहैया कराने की भी व्यवस्था होगी। कमिश्नर के आदेश के क्रम में मिशन शक्ति के तहत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत पंजीकृत आठ हजार समूहों से जुटी लगभग 96 हजार महिलाओं को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी जा रही है। इतना ही नहीं इच्छुक महिलाओं को इस क्षेत्र में आगे आने के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी संचालन की तैयारी है। मिशन से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि महिलाएं घर चलाने साथ ही सम्मान के साथ इस रोजगार से जुड़ सकती हैं। आजीविका मिशन की ओर से समूह की महिलाओं को आरएसईटीआई यानी रूरल सेल्फ इंप्लॉयमेंट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में प्रशिक्षण की व्यवस्था करायी जाएगी। संख्या अधिक रही तो अन्यत्र भी इसकी व्यवस्था होगी। 

ड्राइविंग के क्षेत्र रोजगार की अपार संभावनाएं हैं

ड्राइविंग के क्षेत्र रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। महिलाएं ड्राइविंग करेंगी तो उक्त वाहन में महिलाएं बैठने को तरजीह देंगी। महिलाओं को भी सुरक्षा मिलेगी। शेष सुरक्षा का मुकम्मल इंतजाम प्रशासन की ओर से किया जाएगा।

- दीपक अग्रवाल, कमिश्नर

समूहों से जुड़ी महिलाओं को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी जा रही है

समूहों से जुड़ी महिलाओं को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी जा रही है। ड्राइविंग को लेकर जागरूक किया जाएगा। महिलाएं तैयार होंगी तो प्रशिक्षण की मुकम्मल व्यवस्था होगी।

श्रवण कुमार सिंह, जिला मिशन प्रबंधक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.