उभ्भा नरसंहार: मृत आदिवासियों को श्रद्धांजलि देने सोनभद्र जा रहे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को भदोही में पुलिस ने रोका
उम्भा नरसंहार में मृत आदिवासियों को श्रद्धांजलि देने के लिए सोनभद्र जा रहे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय सिंह लल्लू भदोही में पुलिस ने रोक लिया है।
भदोही, जेएनएन। कांग्रेस को एक बार फिर सोनभद्र के उभ्भा नरसंहार की याद आई है। उम्भा में जमीन विवाद में हुए नरसंहार में मृत आदिवासियों को श्रद्धांजलि देने के लिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय सिंह "लल्लू' सोनभद्र के लिए निकल गए हैं। हालांकि उन्हें भदोही में गोपीगंज पुलिस ने रोक लिया है और आगे बढ़ने से मना कर रही है। सूत्रों के हवाले से खबर यह भी है कि कोरोना को लेकर जारी प्रतिबंध की वजह से वाराणसी की सीमा पर भी रोके जा सकते हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय सिंह "लल्लू' उंभा कांड की बरसी के लिए सोनभद्र जा रहे थे। रास्ते में शांति व्यवस्था का हवाला देते हुए उन्हें पुलिस ने रोक दिया है। उन्हें गोपीगंज गेस्ट हाउस में नजरबंद कर दिया गया है। पुलिस कार्रवाई कर रही है और कांग्रेसी कार्यकर्ता भी मौके पर जमा हाे गए हैं। वहीं दूसरी तरफ मीरजापुर में उभ्भा गांव के लिए निकले पूर्व मंत्री अजय राय को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
यहां आने की सूचना मिलते ही चौकन्ना हो गया था प्रशासनिक अमला
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि उभ्भा नरसंंहार की पहली बरसी की पूर्व संध्या पर गुरुवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू उभ्भा गांव पहुंचकर पीडि़त परिवारों से मुलाकात करेंगे और श्रद्धांजलि देंगे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के यहां आने की सूचना मिलते ही प्रशासनिक अमला चौकन्ना हो गया था। विदित हो कि भूमि विवाद को लेकर 17 जुलाई 2019 को 11 ग्रामीणों की हत्या कर दी गई थी। इस वारदात के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा उभ्भा पहुंच कर पीडि़त परिवार से मुलाकात और आर्थिक मदद भी की थीं।
मृतकों की याद में स्मारक बनाने व शहीद का दर्जा दिलाने की मांग
दूसरी तरफ आदिवासी 17 जुलाई को बरसी मनाने की तैयारी में हैं। साथ ही मृतकों की याद में स्मारक बनाने व शहीद का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर आवाज बुलंद करने की बात कही जा रही है। हालांकि प्रशासन इसकी इजाजत देने को तैयार नहीं है। पुलिस की चिंता कई पहलुओं को लेकर है। कोरोना संक्रमण काल के दौरान बरसी पर बाहर से कुछ राजनीतिक दलों व सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं की जुटान से घटना पर दोबारा राजनीति रंग चढ़ाया जा सकता है। पुलिस-प्रशासन इसको लेकर पूरी तरह मुस्तैद है। आला अधिकारियों ने 14 जुलाई को ग्रामीणों से किसी भी तरह के आयोजन न करने की अपील की है। साथ ही धारा-144 का भी हवाला दिया है। वहीं खुफिया तंत्र अलर्ट है और पल-पल की रिपोर्ट से अफसरों को अपडेट कर रहा है।