बीएचयू के ट्रामा सेंटर में लावारिस मरीजों और शवों की पहचान के लिए यूआइडीएआइ सिस्टम
चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू के ट्रामा सेंटर में आने वाले घायल मरीजों का अब स्ट्रेचर पर नहीं होगा। लाल क्षेत्र की गली में अब मरीजों या उनके तीमारदारों की भीड़ नहीं लगेगी। यहां मरीज के आते ही ट्राएज एरिया में श्रेणी बांट दी जाएगी।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू के ट्रामा सेंटर में आने वाले घायल मरीजों का अब स्ट्रेचर पर नहीं होगा। लाल क्षेत्र की गली में अब मरीजों या उनके तीमारदारों की भीड़ नहीं लगेगी। यहां मरीज के आते ही ट्राएज एरिया में श्रेणी बांट दी जाएगी। यहीं पर तय हो जाएगा कि मरीज को उसी दिन उपचार कर छोड़ना है या फिर किसी वार्ड में शिफ्ट या आपरेशन करना है। अगर मरीज को एक दिन ही उपचार की जरूरत हुई तो प्रथम तल पर बने डे केयर वार्ड में भेज दिया जाएगा, जहां पर आधुनिक चिकित्सा मौजूद है। इन सारी सेवाओं का उद्घाटन शनिवार को किया गया।
ट्राएज एरिया व डे केयर सेंटर का उद्घाटन के बाद ट्रामा सेंटर के आचार्य प्रभारी प्रो. सौरभ सिंह ने कार्यवाहक कुलपति प्रो. वीके शुक्ला, एफओ डा. अभय ठाकुर, सीएमओ डा. वीबी सिंह, संस्थान के निदेशक प्रो. बीआर मित्तल को इन सुविधाओं के बारे में विस्तार से बताया। प्रो. सौरभ सिंह ने बताया कि ट्रामा सेंटर एवं सुपरस्पेशिएलिटी चिकित्सालय में 14 बेड का रेड एरिया (ट्राएज) व 10 बेड के डिजास्टर (आपदा) वार्ड बनाया गया है। इनमें पूर्ण रूप से उन्नत किस्म का आटो पल्स सीपीआर मशीन, पोर्टेबल वेंटिलेटर, बेड साइड रेडियोलाजी आदि की सुविधा उपलब्ध है। इसके साथ ही 20 बेड के डे-केयर वार्ड में आर्थोपेडिक्स व प्लास्टिक सर्जरी की डे केयर की आधिनक सुविधा मौजूद हैं। इन सेवाओं के शुरू होने के बाद मरीजों के त्वरित इलाज, अनियंत्रित भीड़-भाड़ व परिजनों की सुविधाओं लाभ मिलेगा। वहीं प्राकृतिक या अन्य आपदा की स्थिति में आइसीयू में बेड की कमी होने की सूरत में आपातकालीन मरीजों की त्वरित चिकित्सा के लिए पांच बेड का एक पोस्ट आपरेटिव वार्ड भी शुरू किया गया है। इसके साथ ही रेजिडेंट डाक्टरों शिक्षण, प्रशिक्षण के लिए ई-लर्निंग कांफ्रेंस हाल की भी शुरूआत की गई। कार्यक्रम के दौरान सर सुंदरलाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. केके गुप्ता, आइएमएस एमआइयू लैब की इंजार्च प्रो. रोयना सिंह, प्रो. एसपी मिश्रा, एनएस इंद्रावती देवी आदि मौजूद थे।
ट्रामा सेंटर में ये सुविधाएं भी बढ़ेंगी
- डिजिटल सब्सट्रेक्शन एंजियोग्राफी, ओ-आर्म, इंडोस्कोपिक, स्पाइन प्रोसिजर आदि उन्न्त उपकरणों से युक्त चार नए आपरेशन थियेटर जल्द ही स्थापित होंगे।
- लावारिस मरीजों या शवों के पहचान के लिए आधुनिक यूआइडीएआइ सिस्टम का संचालन होगा।
- वूंड मैनेजमेंट (घाव प्रबंधन) के लिए हाइपरबेरिक आक्सीजन चेंबर की स्थापना होगी।
- हार्ट एवं लंग्स फेल्योर मरीजों के सुविधापूर्ण इलाज के लिए ईसीएमओ मशीन लगाई जाएगी।
- पोर्टेबल कम्प्युटेड टोमोग्राफी मशीन की भी स्थापना की जाएगी।
2015 में पीएम मोदी ने किया था ट्रामा सेंटर का लोकार्पण
पूर्वांचल के एम्स कहे जाने वाले चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू के इस ट्रामा सेंटर का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में किया था। यह पूर्वांचल का सबसे बड़ा सेंटर हैं। 334 बेड के इस सेंटर में पूर्वांचल के साथ ही बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के भी मरीज आते हैं। यहां पर अब इंफ्यूजन पंप की भी व्यवस्था की गई हैं। इसके माध्यम से 15 मिनट में ही खून चढ़ जाएगा। साथ ही पोर्टेबल एक्स-रे मशीन लगाई गई है। ताकि मरीजों को बेड पर ही यह सुविधाएं मिल सके।