बोले यूजीसी चेयरमैन प्रो. धीरेंद्र पाल सिंह - 'देश भर में महामना चरित्र शिक्षा का केंद्र बनेगा बीएचयू'
बीएचयू में मालवीय जयंती के मौके पर यूजीसी ( विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ) के अध्यक्ष प्रो. धीरेंद्र पाल सिंह ने कहा कि देश के समस्त शैक्षणिक संस्थानों को महामना की जीवन मूल्यों से जोड़कर शिक्षा देनी चाहिए। हमारी नई शिक्षा नीति भी महामना के जीवन आदर्शों से हूबहू प्रेरित है।
वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू में मालवीय जयंती के मौके पर यूजीसी ( विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ) के अध्यक्ष प्रो. धीरेंद्र पाल सिंह ने कहा कि देश के समस्त शैक्षणिक संस्थानों को महामना की जीवन मूल्यों से जोड़कर शिक्षा देनी चाहिए। हमारी नई शिक्षा नीति भी महामना के जीवन आदर्शों से हूबहू प्रेरित है। उन्होंने प्रो. आशाराम त्रिपाठी की मांग पर सहमति जताई कि बीएचयू जल्द ही महामना के चरित्र आधारित शिक्षा का नोडल केंद्र बनेगा।
अब इसी आधार पर असल मायने में नई शिक्षा पर अमल भी कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि मालवीय जी ने मूल्यपरक शिक्षालय के माध्यम से एक महान राष्ट्र के निर्माण का स्वप्न देखा था। आज उनके द्वारा स्थापित बीएचयू किसी व्यक्ति ही नहीं, बल्कि संस्थाओं की भी मातृ संस्था है। उन्होंने छात्रों के स्वास्थ्य, आध्यात्मिक चेतना, चरित्र निर्माण ,स्त्री शिक्षा, राष्ट भक्ति और लगन के साथ विद्या अध्ययन पर जोर दिया है। कहा कि महामना के अनुसार बिना चरित्रवान नागरिकों के राष्ट्र का निर्माण नहीं हो सकता और इस कार्य में बीएचयू सबसे आगे रहा है।
महामना का चरित्र हो पाठ्यक्रम में शामिल
कार्यकारिणी के सदस्य प्रो. आनंद मोहन ने महामना के चरित्र को देश के सभी विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में जोड़ने की बात कही। मालवीय मूल्य अनुशीलन के समन्वयक प्रो. आशाराम त्रिपाठी ने केंद्र को महामना चरित्र शिक्षा का नोडल सेंटर बनाने की मांग की। इस दौरान बीएचयू के कुलपति प्रो. राकेश भटनागर, कार्यकारिणी के सदस्य प्रो. आद्या प्रसाद पांडेय व प्रो. बच्चा सिंह, कुलसचिव डा. नीरज त्रिपाठी और डिप्टी लाइब्रेरियन डा. संजीव सर्राफ समेत कई विश्वविद्यालयों के कुलपति आनलाइन मौजूद रहे।