Uday Pratap College : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अब शिकायतों की जांच शुरू
उदय प्रताप शिक्षा समिति वाराणसी पर नियम विरूद्ध कार्य करने के लगाए गए आरोपों की जांच 14 सितंबर से शुरू होने जा रही है।
वाराणसी, जेएनएन। उदय प्रताप शिक्षा समिति पर नियम विरूद्ध कार्य करने के लगाए गए आरोपों की जांच 14 सितंबर से शुरू होने जा रही है। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा गठित दो सदस्यीय समिति सोमवार को जांच करने यूपी कालेज पहुंचेगी। इस दौरान समिति ने शिकायतकर्ता डा. वशिष्ठ सिंह व प्राचीन छात्र एसोसिएशन के अध्यक्ष आनंद विजय को उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।
शिकायतकर्ताओं ने प्रबंध समिति पर मनमाने तरीके से कार्य करने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपे शिकायती पत्र में उदय प्रताप शिक्षा समिति की वैधता पर ही सवाल उठाया है। इसमें कहा गया है कि भिनगा नरेश राजर्षि उदय प्रताप सिंह ने वर्ष 1908 में हिवेट क्षत्रिय इंडाउमेंट ट्रस्ट बनाकर उदय प्रताप कालेज की स्थापना की थी। बाद में उत्तर प्रदेश सरकार ने धर्मादा संदान के कोषाध्यक्ष को संचालित करने का अधिकार दे दिया। वहीं एक स्कीम के तहत प्रबंध समिति का गठन कर लिया गया। वैधानिक तरीके से शिक्षा समिति का गठन नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए जांच कराने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल की ओर से जारी आदेश में समिति में उच्च शिक्षा विभाग के वित्त विभाग से संबंधित एक प्रतिनिधि व काशी विद्यापीठ के एक प्रतिनिधि को शामिल किया गया है। वहीं मुख्यमंत्री कार्यालय समिति ने 15 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट मांगी है। इसे देखते हुए समिति जांच करने यूपी कालेज आ रही है। दो दिनों तक विभिन्न बिंदुओं पर जांच करेंगी। उधर छात्रों का बेमियादी धरना 17वें दिन रविवार को भी जारी है। धरने में मुख्य रूप से शिवम सिंह, विवेकानंद सिंह, अमन कुमार सिंह, सचिन कुमार सिंह सहित अन्य लोग शामिल है।