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वाराणसी में ब्लैक फंगस से दो और की गई जान, बीएचयू में बने वार्ड में मरीजों की संख्या हो गई 85

रविवार को ब्लैक फंगस मरीजों की संख्या 85 हो गई। इसमें से दो मरीजों की मौत भी हाे गई। इससे पहले शनिवार को भी दो मरीजों की मौत हो गई थी। जो मरीज अंतिम स्टेज में पहुंच रहे हैं उन्हें बचा पाना संभव नहीं हो पा रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 24 May 2021 09:20 AM (IST)Updated: Mon, 24 May 2021 10:17 AM (IST)
वाराणसी में ब्लैक फंगस से दो और की गई जान, बीएचयू में बने वार्ड में मरीजों की संख्या हो गई 85
पूर्वांचल में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है।

वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। रविवार को भी 16 से अधिक नए मरीज आ गए। वहीं दो और मरीजों की मौत हो गई। इसके कारण लोगों में ब्लैक फंगस को लेकर डर भी बढ़ते जा रहा है। वहीं चिकित्सकों के माथे पर भी चिंता की लकीरें खींचते जा रही है।

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ब्लैक फंगस के उपचार एवं ऑपरेशन की पर्याप्त सुविधा पूर्वांचल के एम्स कहे जाने वाले चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में ही है। यहीं कारण है कि पूर्वांचल के सभी मरीजों को बीएचयू में ही रेफर किया जा रहा है। इसके कारण यहां पर भी पहले चेस्ट वार्ड में तैयार बेड कम पड़ने लगे हैं। शनिवार को जहां 71 मरीज भर्ती थी वहीं रविवार को बढ़कर मरीजों की संख्या 85 हो गई। इसमें से दो मरीजों की मौत भी हाे गई। इससे पहले शनिववार को भी दो मरीजों की मौत हो गई थी। बताया जा रहा है जो मरीज अंतिम स्टेज में पहुंच रहे हैं उन्हें बचा पाना संभव नहीं हो पा रहा है। रविवार को कोई भी इलेक्टिव ऑपरेशन नहीं हो पाया। जिन मरीजों को आपरेशन की जरूरत है उनको सोमवार को समय दिया गया है।

मिल गई इंजेक्शन की दूसरी खेप, बाहर की न लिखें दवा

चिकित्सा अधीक्षक प्रो. केके गुप्ता ने रविवार को चेस्ट वार्ड का भ्रमण करते हुए डॉक्टरों एवं नर्सों को कई निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने बाहर की दवा लिखी और पर्ची देकर मरीज के परिजन को बाहर भेजा तो वह बख्शा नहीं जाएगा। कारण कि सारी दवाएं एवं जांच की सुविधाएं अस्पताल में ही उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि दवा या इंजेक्शन की जरूरत हो तो पूरा विवरण देते हुए सभी मरीजों के लिए एक साथ डिमांड भेजी जाएं न कि एक-एक मरीज के लिए। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन से ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए इंजेक्शन की दूसरी खेप भी मिल गई है। यह इंजेक्शन नहीं रहने पर वैकल्पिक उपचार जारी रखना है।

अब आयुर्वेद के चरक वार्ड में भी भर्ती होंगे ब्लैक फंगस के मरीज

ब्लैक फंगस के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। स्थिति यह है कि सर सुंदरलाल अस्पताल, बीएचयू के चेस्ट वार्ड में ब्लैक फंगस रोगियों के लिए की गई व्यवस्था अब कम पड़ने लगी है। स्थिति यह हैं कि पोस्ट कोविड चेस्ट वार्ड में सभी 40 वार्ड भर गए हैं। इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था कर ली है। पास में ही स्थित आयुर्वेद संकाय, चिकित्सा विज्ञान संस्थान के चरक पुरुष वार्ड में ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए बेड तैयार किए गए हैं। इसका एसएस अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. केके गुप्ता एवं उनकी टीम ने रविवार को निरीक्षण किया।

मालूम हो कि चेस्ट वार्ड में 40 बेड हैं और सभी पर ऑक्सीजन की पाइप लाइन है। हालांकि चरक पुरुष वार्ड में सभी बेड पर ऑक्सीजन पाइप लाइन नहीं पहुंची है। इस पर चिकित्सा अधीक्षक प्रो. केके गुप्ता ने निर्देश दिया कि जिस मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है उसे चरक वार्ड में शिफ्ट किया जाए। इस वार्ड में कुल 48 बेड हैं। ऐसा होने पोस्ट कोविड वार्ड की क्षमता अब दोगुनी से अधिक हो गई है। इसके अलावा ब्लैक फंगस के वे मरीज जो कोरोना पॉजिटिव हैं वह शताब्दी सुपर स्पेशियलिटी कांप्लेक्स स्थित कोविड-19 वार्ड में भर्ती हैं। इसके अलावा इमरजेंसी वार्ड में भी ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए संभावना तलाशी जा रही है। प्रो. केके गुप्ता ने बताया के ब्लैक फंगस के जो मरीज यहां भर्ती हैं वे वाराणसी नहीं बल्कि पूर्वांचल के अन्य जिलों के हैं।


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