दो सदस्यों ने निगम प्रशासन का प्रस्ताव फाड़ा, 15 मिनट तक हंगामे की स्थिति रही
नगर निगम कार्यकारिणी में वर्ष 2020-21 की बजट बैठक में दूसरे प्रस्ताव लाए जाने से नाराज दो सदस्यों ने प्रस्ताव ही फाड़ दिया।
वाराणसी, जेएनएन। नगर निगम कार्यकारिणी में वर्ष 2020-21 की बजट बैठक में दूसरे प्रस्ताव लाए जाने से नाराज दो सदस्यों ने प्रस्ताव ही फाड़ दिया। इससे शुरूआत में ही लगभग 15 मिनट तक हंगामे की स्थिति रही। इसे लेकर उनसे महापौर मृदुला जायसवाल की नोकझोंक हुई। इसके बाद निगम प्रशासन ने 574.45 करोड़ का बजट कार्यकारिणी में पेश किया। इस पर आगे की चर्चा मंगलवार दोपहर 12 बजे से होने वाली बैठक में फिर होगी। बजट बैठक शुरू होते ही भाजपा पार्षद राजेश यादव चल्लू और निर्दल बबलू शाह ने नगर निगम प्रशासन द्वारा 91 (1) के तहत प्रस्ताव लाने पर नाराजगी जताई। उनका कहना था कि महापौर ने क्यों नहीं संज्ञान लिया। महापौर पर अधिकारियों से मिलीभगत कर प्रस्ताव बजट बैठक में रखने का आरोप लगाया। इस पर महापौर भड़क गई। कहा कि अधिकारियों ने अंधेरे में रख कर ऐसा किया। बैठक में नगर आयुक्त की अनुपस्थिति में अपर नगर आयुक्त अनूप कुमार वाजपेयी के बैठने पर राजेश यादव चल्लू ने आपत्ति जताई। कहा कि बगैर लिखित अनुमति से वे कैसे निगम प्रशासन की ओर से बैठे हैं। इस पर महापौर ने उन्हें थोड़ी देर कार्यकारिणी से बाहर कर दिया। लगभग 20 मिनट देरी से नगर आयुक्त गौरांग राठी के पहुंचने पर वे उनके साथ बैठक में गए।
नगर आयुक्त के आने के बाद बैठक शांतिपूर्वक चली। बजट पर चर्चा के दौरान सदस्यों ने महापौर के विवेकाधीन अधिकार को पांच हजार से बढ़ा 15 लाख करने का प्रस्ताव पारित कर शासन को भेजने का निर्णय लिया गया। निगम प्रशासन द्वारा स्कूलों के विकास पर होने वाले खर्च को पांच लाख से बढ़ा पचास हजार किया गया है। कुओं के रखरखाव पर होने वाले खर्च को भी निगम प्रशासन ने 20 लाख से बढ़ाकर 30 लाख करने का निर्णय लिया है। सोमवार को बजट बैठक पर चर्चा अधूरा रहने के कारण मंगलवार को भी बैठक होगी। बैठक में नगर आयुक्त गौरांग राठी व लेखाधिकारी डॉ. मनोज त्रिपाठी के साथ उप सभापति नरसिंह दास, राजेश यादव, शिवप्रकाश मौर्या, पूर्णमासी गुप्ता, विजयश्री मौर्या, सीताराम केसरी, अजीत सिंह, बबलू शाह, मनोज यादव, गोपाल यादव आदि थे।
सिकमी किरायेदारों को हटाएगा
नगर निगम नगर निगम प्रशासन ने सिकमी किरायेदारों को हटाने का निर्णय लिया है। उनकी पहचान के लिए निगम प्रशासन एक समिति बनाएगा। जो असली किरायेदार की पहचान कर उनकी किरायेदारी की समीक्षा करेगा।
चर्चा में रहा परिवहन घोटाला
बैठक में परिवहन विभाग के मद में होने वाले खर्च में पिछली वर्ष की तुलना में एक करोड़ की कटौती करने पर पार्षदों ने सवाल उठाया। इस पर नगर आयुक्त ने माना कि विभाग में जमकर गड़बड़ी की गई। कहा कि 15 फरवरी तक दूसरी रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
गृहकर से आय में छह करोड़ की वृद्धि का प्रस्ताव
गृहकर की आय 60 करोड़ से बढ़ा 66 करोड़ करने के निगम प्रशासन के प्रस्ताव को कार्यकारिणी ने मंजूरी दी। 60 करोड़ के सापेक्ष निगम प्रशासन द्वारा 35 करोड़ की वसूली पर पार्षदों ने सवाल उठाया। इस पर नगर आयुक्त ने कहा कि नगर निगम सदन में अनावासीय भवनों के संबंध में निर्णय के बाद ऊहापोह की स्थिति बनने से वसूली प्रभावित हुई। उसे ठीक कर लिया जाएगा।