दो किलो गुड़ के जैविक घोल से पराली खाद में होगी तब्दील, खेतों में अवशेष जलाने से किसानों को मिलेगी निजात
कृषि विभाग ने पराली को खाद में तब्दील करने की विधि ढूंढ़ ली है। दो किलो गुड़ वेस्ट डी कम्पोजर रासायनिक दवा में मिलाकर 200 लीटर जैविक घोल तैयार किया जा सकता है। इस घोल का कटाई के बाद छिड़काव करने पर पराली खाद के रूप में तब्दील हो जाएगी।
चंदौली, जेएनएन। कृषि विभाग ने पराली को खाद में तब्दील करने की विधि ढूंढ़ ली है। दो किलो गुड़ वेस्ट डी कम्पोजर रासायनिक दवा में मिलाकर दो सौ लीटर जैविक घोल तैयार किया जा सकता है। इस घोल का कटाई के बाद छिड़काव करने पर पराली खाद के रूप में तब्दील हो जाएगी। इससे किसानों को पराली जलाने से निजात मिलेगी। साथ ही खेत की उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि होगी। बीज का उपचार और हरी फसल को टानिक भी मिलेगा।
खेतों में पराली जलाने से जहां मिट्टी के जीवाश्म समाप्त हो जाते हैं, वहीं उत्पादन क्षमता भी कम हो जाती है। पराली को खाद में तब्दील करने के लिए बीज गोदाम पर मात्र बीस रुपये में वेस्ट डी कम्पोजर की दवा और दो किलो गुड़ दो सौ लीटर पानी में डालकर जैविक घोल तैयार किया जा सकता है। दो सौ लीटर जैविक घोल से करीब एक से दो हेक्टयर खेतों की पराली को खाद के रूप में तब्दील किया जा सकता है। घोल फाइबर या प्लास्टिक के ड्रम में बनाना होगा। सात दिन तक 24 घंटे में एक बार घोल को लकड़ी के डंडे से मिश्रण के बाद घोल तैयार हो जाएगा। कटाई से एक सप्ताह पूर्व घोल तैयार कर कटाई के तुंरत बाद छिड़काव करना होगा। पराली एक सप्ताह में खाद के रूप में तब्दील हो जाएगी।
गुड़ से तैयार जैविक घोल पराली को खाद के रूप में तब्दील कर देगा
वेस्ट डी कम्पोजर और गुड़ से तैयार जैविक घोल पराली को खाद के रूप में तब्दील कर देगा। इससे किसानों को पराली जलाने से निजात मिलने के साथ ही उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि होगी।
अमित जायसवाल, कृषि रक्षा अधिकारी