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आजमगढ़ के मुबारकपुर में डायरिया से दो की मौत और 60 रेफर, मरीजों की संख्या पहुंची दो सौ के पार

मुबारकपुर नहर के बलुआ मोहल्ले में मंगलवार की रात से शुरू हुआ डायरिया का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है। बुधवार दोपहर तक मरीजों की संख्या दो सौ के पार पहुंच चुकी थी।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 29 Sep 2021 02:04 PM (IST)Updated: Wed, 29 Sep 2021 02:04 PM (IST)
आजमगढ़ के मुबारकपुर में डायरिया से दो की मौत और 60 रेफर, मरीजों की संख्या पहुंची दो सौ के पार
मुबारक पुर में अब तक डायरिया से दो लोगों की मौत हो चुकी है।

आजमगढ़, जागरण संवाददाता। मुबारकपुर नहर के बलुआ मोहल्ले में मंगलवार की रात से शुरू हुआ डायरिया का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है।अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है। बुधवार दोपहर तक मरीजों की संख्या दो सौ के पार पहुंच चुकी थी। हर पांच मिनट बाद एक मरीज लाया जा रहा था।इसमें 60 मरीजों को रेफर किया गया, जबकि 40 की हालत में सुधार होने पर डिस्चार्ज किया गया।रेफर किए गए मरीजों में 35 को राजकीय मेडिकल कालेज भेजा गया, जबकि बाकी को जिला अस्पताल।

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जिलाधिकारी राजेश कुमार, एडीएम प्रशासन नरेंद्र सिंह, एसडीएम वागीश शुक्ला और सीएमओ इंद्रनारायण तिवारी ने मुबारकपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर व्यवस्था का जायजा लिया।डीएम ने सभी आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराने का निर्देश देने के साथ कहा कि जरूरत पर निजी अस्पतालों और चिकित्सकों की भी मदद ली जाए। किसी कीमत पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।दोपहर 12 डीएम ने थाने में स्वास्थ्य विभाग और नगर पालिका प्रशासन के साथ बैठक कर कारणों पर चर्चा की और आवश्यक निर्देश दिए। मृतकों में बलुआ मोहल्ले के छोटू (90) व उनके भतीजे जहीरुद्दीन (60) शामिल हैं। जहीरुद्दीन की पुत्री रोशनजहां (26) व नतिनी सलमा खातून (3) का इलाज अभी चल रहा था।

तीमारदारों ने बताया कि कई दिनों से पानी का स्वाद खराब लग रहा था, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह कि नगर पालिका अध्यक्ष के प्रतिनिधि के साथ ही अधिशासी अधिकारी ने भी फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा। हर तरफ अफरा-तफरी मची थी और हर पांच मिनट बाद लोग मरीजों को लेकर अस्पताल पहुंच रहे थे। मंगलवार की रात से शुरू डायरिया का कहर बुधवार दोपहर तक जारी रहा। वहीं अचानक से मरीजों की इतनी अधिक संख्‍या होने की वजह से अस्‍पताल पर भी दबाव अधिक बढ़ गया। वहीं दूसरी ओर काफी मरीजों ने निजी अस्‍पतालों की ओर रुख किया और अपना इलाज शुरू कराया। 


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