आजमगढ़ के बसपा नेता की दुबई में बनी थी हत्या की योजना, तीन शूटरों ने दिया घटना को अंजाम
आजमगढ़ में बसपा नेता कलामुद्दीन हत्याकांड के दो आरोपितों को मेंहनगर पुलिस ने शुक्रवार की सुबह जाफरपुर गांव के समीप से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने पकड़े गए आरोपितों के पास से हत्या में प्रयुक्त पिस्टल कारतूस व बाइक भी बरामद कर लिया।
आजमगढ़, जेएनएन। बसपा नेता कलामुद्दीन हत्याकांड के दो आरोपितों को मेंहनगर पुलिस ने शुक्रवार की सुबह जाफरपुर गांव के समीप से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने पकड़े गए आरोपितों के पास से हत्या में प्रयुक्त पिस्टल, कारतूस व बाइक भी बरामद कर लिया। मेंहनगर थाना क्षेत्र के खुंदनपुर गांव में चार दिन पूर्व बसपा नेता की हत्या की योजना दुबई में बनी थी। योजना के तहत तीन शूटरों ने मिलकर घटना को अंजाम दिया था।
मेंहनगर थाना क्षेत्र के खुंदनपुर गांव निवासी व बसपा नेता कलामुद्दीन की 15 फरवरी की शाम गांव के समीप उस दौरान बाइक सवार हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब वे दवा लेकर पत्नी, पुत्र व बेटी के साथ अपनी स्कार्पियों से घर लौट रहे थे। इस घटना के बाद कलामुद्दीन के पुत्र फुरकान ने गांव के ही निवासी छह लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया था। एसपी ने हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की चार टीमें गठित की थीं। एसपी सुधीर कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली कि कलामुद्दीन हत्याकांड के दो आरोपित बाइक से मंगरावा से अक्षैवर पुलिया की ओर जा रहे हैं। इस सूचना पर मेंहनगर इंस्पेक्टर प्रशांंत कुमार श्रीवास्तव सहयोगी पुलिस कर्मियों के साथ शुक्रवार की सुबह लगभग सवा आठ बजे एफसीआइ गोदाम जाफरपुर के समीप पहुंचे। उसी दौरान एक बाइक से दो आरोपितों को आते देख पुलिस ने घेराबंदी कर पकड़ लिया। गिरफ्तार आरोपितों में रिजवान व मोहम्मद कासिफ ग्राम खुंदनपुर थाना मेंहनगर के निवासी हैं। पुलिस ने उनके पास से हत्या में प्रयुक्त पिस्टल, कारतूस व बाइक बरामद किया।
अदावत में बसपा नेता कलामुद्दीन को उतारा मौत के घाट
मेंहनगर थाना क्षेत्र के खुंदनपुर गांव में चार दिन पूर्व बसपा नेता की हत्या की योजना दुबई में बनी थी। योजना के तहत तीन शूटरों ने मिलकर घटना को अंजाम दिया था। हत्या की मुख्य वजह आपसी अदावत व प्रधानी चुनाव को लेकर चल रही रंजिश बताई जा रही है। अब तक इस रंजिश में दोनों पक्षों के चार लोगों की जान जा चुकी है।
एसपी सुधीर कुमार सिंह ने कलामुद्दीन हत्याकांड का पटाक्षेप करते हुए कहा कि खुदंनपुर गांव निवासी व हत्या के आरोपित मसरूर व उसके सगे भाई मकबूल ने सोची समझी रणनीति के तहत दुबई में बैठकर हत्या की योजना बनाई थी। दोनों ने हत्या के लिए शूटरों की मदद ली थी। दो अज्ञात शूटरों ने क्षेत्र के एक शूटर मुस्तफिल हसन उर्फ बाबू से संपर्क साधकर योजना में शामिल कर लिया था।
घटना के दिन योजना के तहत तीनों शूटरों ने कलामुद्दीन की हत्या की थी। उन्होंने कहा कि मृत बसपा नेता कलामुद्दीन स्वयं एक अपराधी प्रवृत्ति का व्यक्ति था। गांव में कलामुद्दीन का आतंक था। उसके भय से अलीशेर व मसरूर गांव छोड़कर दुबई रहते हैं। गांव में जो भी विरोध करता था उसका कलामुद्दीन व उसके पक्ष के लोग काम तमाम कर देते थे। कलामुद्दीन की गांव के दूसरे पक्ष से आपसी अदावत व प्रधानी चुनाव की रंजिश भी चल रही थी। इस अदावत को लेकर वर्ष 1989 में कलामुद्दीन व उसके पक्ष के लोगों ने मिलकर जलालुद्दीन की हत्या कर दी थी। इस घटना के प्रतिशोध में वर्ष 2012 में खुर्शीद की हत्या शूटर मुस्तफिल हसन उर्फ बाबू ने की थी। खुर्शीद कलामुद्दीन का सहयोगी था। इसी रंजिश के चलते कलामुद्दीन ने 14 सितंबर 2020 कामरान की निर्मम हत्या करा दी थी। अदावत के चलते गांव में गोलबंदी चल रही है। इस गोलबंदी में एक पक्ष का नेतृत्व दुबई में बैठे मसरूर व अलीशेर करता है, जबकि दूसरे पक्ष का नेतृत्व कलामुद्दीन करता था। इस अदावत में अब तक जहां चार लोगों की हत्या हो चुकी है, वहीं कई लोगों पर जानलेवा हमला भी हो चुका है। गंभीरपुर, मेंहनगर व अहरौला थाना में दोनों पक्षों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हैं।