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बीएचयू के ट्रामा सेंटर में ट्राएज एरिया और डे केयर बनकर तैयार, उद्घाटन के साथ ही मरीजों को मिलेगा लाभ

पूर्वांचल के एम्स कहे जाने वाले चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू के इस ट्रामा सेंटर का लोकार्पण प्रधानमंत्री ने 2015 में किया था। यह पूर्वांचल का सबसे बड़ा सेंटर हैं। 334 बेड के इस सेंटर में पूर्वांचल के साथ ही बिहार झारखंड मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ राज्यों के भी मरीज आते हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 02 Oct 2021 12:04 PM (IST)Updated: Sat, 02 Oct 2021 12:04 PM (IST)
बीएचयू के ट्रामा सेंटर में ट्राएज एरिया और डे केयर बनकर तैयार, उद्घाटन के साथ ही मरीजों को मिलेगा लाभ
ट्राएज एरिया व डे केयर वर्ल्ड का उद्घाटन शनिवार को किया गया।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। पूर्वांचल के एम्स कहे जाने वाले चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू के इस ट्रामा सेंटर का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में किया था। यह पूर्वांचल का सबसे बड़ा सेंटर हैं। 334 बेड के इस सेंटर में पूर्वांचल के साथ ही बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के भी मरीज आते हैं। हालांकि इस सेंटर में सबसे बड़ी गड़बड़ी इमरजेंसी यानी लाल क्षेत्र में बेड की कमी की है। फिलहाल महज चार बेड का ही लाल क्षेत्र है। इसके कारण अधिकतर मरीजों का उपचार स्ट्रेचर पर ही होता है। हालांकि अब रिसेप्शन के पास में ही 14 बेड और बढ़ने जा रहा है। इसके बाद यहां पर 18 बेड की व्यवस्था हो जाएगी। यहां गोलाकार नर्सिंग स्टेशन भी बनाया गया है। साथ ही ट्राएज एरिया व डे केयर वर्ल्ड बनाया गया है, जिसका उद्घाटन शनिवार को किया गया।

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चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू के ट्रामा सेंटर में इमरजेंसी सेवा की सुविधा बढ़ गई है। आपातकाल में आने वाले मरीजों के लिए यहां पर 14 बेड का ट्राएज एरिया व डे केयर वर्ल्ड बनकर तैयार है, जिसका उद्घाटन शनिवार को हुआ। इसके लिए सुबह 10.45 बजे एक समारोह का आयोजन किया गया है। यह जानकारी ट्रामा सेंटर के प्रोफेसर इंचार्ज डा. सौरभ सिंह ने दी है। इस कार्यक्रम के अतिथि मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल, कार्यवाहक कुलपति प्रो. वीके शुक्ला, संस्थान के निदेशक प्रो. बीआर मित्तल होंगे। प्रो. सौरभ सिंह ने बताया कि ट्रामा सेंटर के आचार्य प्रभारी प्रो. सौरभ सिंह बताते हैं के घायलों का बहुत अधिक रक्तस्राव हो जाता है। ऐसे में दवा, इंजेक्शन के साथ ही तत्काल खून चढ़ाने की भी जरूरत पढ़ती है। अभी तक एक यूनिट खून चढ़ाने में करीब 45 मिनट लगता है। वहीं जब इंफ्यूजन पंप से मात्र 15 मिनट में ही खून चढ़ जाएगा। बताया कि ट्रामा सेंटर को पूर्ण रूप से फंगशनल कंसेप्ट पर संचालन करने की योजना बनाई गई है। ताकि मरीज का जीवन बचाने के लिए उसके यहां आते प्राथमिक उपचार शुरू किया जा सके। कारण कि भर्ती आदि की प्रक्रिया में अनावश्यक समय जाया हाेता है। इसके लिए इंफ्यूजन पंप, पोर्टेबल एक्स-रे मशीन आदि मशीनों मंगाई गई है। ताकि मरीजों को बेड पर ही यह सुविधाएं मिल सके।


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