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New Trend : कालीन के बैग बना रहे पैठ, बाजार की रूचि के अनुसार उत्पादन करने लगे निर्यातक

कोरोना के चलते कालीन कारोबार का ट्रेंड थोड़ा बदला हुआ है। अब आयातक कालीन के मटेरियल से बैग और बैठने के लिये पूफ बनाने लगे हैं। इसे दुनिया पसंद भी खूब कर रही है। दरअसल यह बदलाव महंगे हस्तनिर्मित कालीनों की घटती मांग के चलते हुआ है।

By saurabh chakravartiEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 07:50 AM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 09:59 AM (IST)
New Trend : कालीन के बैग बना रहे पैठ, बाजार की रूचि के अनुसार उत्पादन करने लगे निर्यातक
कोरोना के चलते कालीन कारोबार का ट्रेंड थोड़ा बदला हुआ है।

भदोही, जेएनएन। कोरोना के चलते कालीन कारोबार का ट्रेंड थोड़ा बदला हुआ है। अब आयातक कालीन के मटेरियल से बैग और बैठने के लिये पूफ बनाने लगे हैं। इसे दुनिया पसंद भी खूब कर रही है। दरअसल, यह बदलाव महंगे हस्तनिर्मित कालीनों की घटती मांग के चलते हुआ है। अब वाल हैंगिंग के साथ कुशन, पूफ (बैठने के लिए) व हैंडबैग का भी उत्पादन शुरू हुआ है।

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बता दें कि नई डिजाइन के फैंसी उत्पादों को अमेरिका, कनाडा, इटली, जापान सहित कई देश पसंद करते हैं। निर्यातकों की मानें तो समय के साथ ग्राहकों की सोच में आ रहे बदलाव को देखते हुए परंपरा से हटकर उत्पादन कराना आवश्यक है। भदोही में तीन प्रमुख कंपनियां ऐसे आइटम तैयार करने में जुटी हुई हैं। बता दें कि यह उत्पाद अमेरिका, कनाडा, इटली, जापान व चीन के आयातक पसंद भी खूब कर रहे हैं।  

ग्राहक की पसंद का ध्यान रखना जरूरी

निर्यातक इम्तियाज अंसारी ने बताया कि व्यवसाय के सिलसिले में विदेश भ्रमण के दौरान वाल हैंगिंग, कुशन व पूफ के प्रति लोगों की रूचि दिखाई पड़ी थी। पूफ व कुशन तो वर्ष 2012 से बना रहे जबकि हैंडबैग का काम हाल ही में शुरू हुआ है। कालीन, दरी के साथ ग्राहक ऐसे उत्पादों को पसंद कर रहे हैं।


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