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चंदौली जिले में पीएचसी में एक डाक्टर के भरोसे एक लाख की आबादी का इलाज

एक लाख की आबादी के इलाज की जिम्मेदारी महज एक चिकित्सक एक फार्मासिस्ट और एक वार्ड ब्वाय के सहारे है। पांच बेड के अस्पताल में एक बेड ही काम कर रहा। स्टाफ नर्स और लैब टेक्नीशियन भी दूसरी जगह ड्यूटी कर रहे हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 21 Jun 2021 09:13 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jun 2021 09:13 PM (IST)
चंदौली जिले में पीएचसी में एक डाक्टर के भरोसे एक लाख की आबादी का इलाज
कोरोना काल में सरकारी अस्पतालों को अपडेट करने के विभाग के दावों की पोल खोल रही।

चंदौली, जेएनएन। एक लाख की आबादी के इलाज की जिम्मेदारी महज एक चिकित्सक, एक फार्मासिस्ट और एक वार्ड ब्वाय के सहारे है। पांच बेड के अस्पताल में एक बेड ही काम कर रहा। स्टाफ नर्स और लैब टेक्नीशियन भी दूसरी जगह ड्यूटी कर रहे हैं। सैयदराजा नगर स्थित नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति कोरोना काल में सरकारी अस्पतालों को अपडेट करने के विभाग के दावों की पोल खोल रही। ऐसा नहीं कि उच्चाधिकारी समस्या से वाकिफ नहीं, लेकिन सब कुछ जानते हुए भी मौन हैं। ऐसे में इलाके के लोगों को संक्रमण काल में इलाज कराने में परेशानी झेलनी पड़ रही।

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सैयदराजा नगर और आसपास के लगभग दो दर्जन से अधिक गांवों के लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया गया। इस पर नगर के साथ ही आसपास के गांवों के लगभग एक लाख लोगों के इलाज का दबाव है। लेकिन संसाधनों की कमी और दुश्वारियां हावी हैं। कोरोना की चुनौती से निबटने के लिए इन अस्पतालों की तैयारी अभी स्वास्थ्य विभाग की कार्य योजना में शामिल नहीं हो सकी है। अस्पताल में नियुक्त गिनती के स्टाफ भी फील्ड ड्यूटी से नाम पर अक्सर गायब ही रहते हैं। इससे समस्या बढ़ गई है।

महिला डाक्टर नहीं

नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सिर्फ एक चिकित्सक डाक्टर शैलेंद्र की नियुक्ति की गई है। यहां चिकित्सकों के दो पद सृजित हैं। इसमें एक महिला चिकित्सक का भी पद है लेकिन अभी तक नियुक्ति नहीं की गई। ऐसे में महिलाओं के इलाज में परेशानी होती है। ओपीडी में यदि कोई महिला मरीज आ जाए तो स्टाफ नर्स को ही चिकित्सक की भूमिका निभानी पड़ती है। लैब टेक्नीशियन को अक्सर जिला अस्पताल और डीडीयू रेलवे स्टेशन भेज दिया जाता है।

चेयरमैन ने लिया गोद

अस्पताल को नगर पंचायत चेयरमैन वीरेंद्र जायसवाल ने पिछले दिनों गोद लिया। इससे लोगों में अस्पताल में कमियां दूर होने की उम्मीद जगी है। अस्पताल में स्टाफ की नियुक्ति और संसाधनों के इंतजाम मुकम्मल होने से गरीब मरीजों के इलाज में सहूलियत होगी।

बोले अधिकारी : अस्पताल में उपलब्ध संसाधनों से काम चलाया जा रहा है। मरीजों की संख्या के लिहाज से संसाधनों की जरूरत महसूस की जा रही है। अस्पताल में रोजाना लगभग 50-60 मरीज इलाज व स्वास्थ्य परीक्षण कराने के लिए आते हैं। - डाक्टर शैलेंद्र, प्रभारी चिकित्साधिकारी।


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