वाराणसी के करौली डायोग्नेस्टिक सेंटर को परिवहन विभाग थमाएगा नोटिस, वैन को मनमाने तरीके बना दिया एंबुलेंस
कैला देवी हेल्थ केयर सेंटर के नाम से प्राइवेट वैन परिवहन कार्यालय में पंजीकृत है। यदि एंबुलेंस होता है तो एंबुलेंस के नाम से पंजीयन किया जाता है। प्राइवेट वैन पर एंबुलेंस लिखा है और मरीज ढोएं जा रहे हैं। नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब मांगा जाएगा।
वाराणसी, जेएनएन। वैश्विक महामारी में गिलट बाजार स्थित करौली डायोग्नेस्टिक सेंटर में प्राइवेट वैन को एंबुलेंस बनाकर मरीजों को ढोने पर परिवहन विभाग नोटिस जारी करेगा। रविवार को अवकाश होने के कारण ानोटिस नहीं भेजी जा सकी। मनमाने तरीके से कैसे प्राइवेट वैन को एंबुलेंस बना दिया। एक सप्ताह में जवाब नहीं देने पर परिवहन विभाग वैन का पंजीयन निरस्त करने के साथ धोखोधड़ी का मुकदमा दर्ज कराएगा। प्रावइेट वैन को एंबुलेंस बनाने का मतलब किसी के जीवन के साथ खिलवाड़ करना है। साथ ही जिलाधिकारी को पत्र लिखकर इस कृत से अवगत कराएगा। दैनिक जागरण ने दो मई को कमाई के लिए वैन को बना दिया एंबुलेंस खबर लिखकर मामले को उजागर किया था।
कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने के साथ हर व्यक्ति डरा है। लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। सर्दी-जुखाम और थोड़ी सी खांसी आने पर लोग घबरा जा रहे हैं। चिकित्सक को दिखाने के साथ उपचार कराने लग रहे हैं। ज्यादातर चिकित्सक डायोग्नेस्टिक सेंटर में जांच कराने की सलाह दे रहे है। इसका फायदा उठाते हुए डायोग्नेस्टिक सेंटर वालों ने लूट मचा रखी है। जांच के नाम पर मनमाना पैसा मांग रहे हैं। कई लोग पैसे के अभाव में जांच तक नहीं करा पा रहे हैं। अपने यहां अधिक से अधिक मरीजों को लाने के लिए डायोग्नेस्टिक सेंटर संचालकों ने अपने खुद के एंबुलेंस रखें। वैश्विक महामारी में कमाई के लिए कुछ लोगों ने प्राइवेट वैन को एंबुलेंस तक बना दिया।
डायोग्नेस्टिक सेंटर में जांच का कोई रेट नहीं
विभिन्न प्रकार की बीमारियों से परेशान लोग डायोग्नेस्टिक सेंटर पर जांच कराने जाते हैं। इससे लोगों को फायदा भी मिलता है लेकिन बनारस में डायोग्नेस्टिक सेंटरों में जांच का कोई रेट फिक्स नहीं है। सबका अलग-अलग अपना रेट है। और न ही उनसे कोई पूछने वाला है कि जांच का इतना पैसा क्याें। सवाल उठता है कि चिकित्सा विभाग का काम क्या है। सिर्फ लोगों को दवा पहुंचाना। उपचार के नाम पर मनमान पैसा लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई कौन करेगा।
कैला देवी हेल्थ केयर सेंटर के नाम से प्राइवेट वैन परिवहन कार्यालय में पंजीकृत है। यदि एंबुलेंस होता है तो एंबुलेंस के नाम से पंजीयन किया जाता है। प्राइवेट वैन पर एंबुलेंस लिखा है और मरीज ढोएं जा रहे हैं जो गलत है। करौली डाग्योग्नोस्टिक सेंटर को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब मांगा जाएगा। जवाब नहीं देने पर उनके पंजीयन निरस्त करने के साथ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। प्राइवेेट वाहन को एंबुलेंस बनाना जीवन के साथ खिलवाड़ है।
-सर्वेश चतुर्वेदी, एआरटीओ (प्रशासन)