चोरी के ट्रकों के पंजीयन में परिवहन लिपिक तलब, एसआइटी ने परिवहन आयुक्त को लिखा पत्र
परिवहन कार्यालय वाराणसी में पिछले दिनों चोरी के ट्रकों के पंजीयन के मामले में चल रही एसआइटी जांच में टीम ने पंजीयन लिपिक को तलब किया है।
वाराणसी, जेएनएन। परिवहन कार्यालय में पिछले दिनों चोरी के ट्रकों के पंजीयन के मामले में चल रही एसआइटी जांच में टीम ने पंजीयन लिपिक को तलब किया है। टीम ने परिवहन आयुक्त धीरज साहू को पत्र लिखकर तत्कालीन पंजीयन लिपिक सुरेश चंद्र मालवीय को बयान के लिए भेजने को कहा है। चोरी के ट्रकों के पंजीयन में आरोपित लिपिक निलंबित होने के साथ जेल से जमानत पर बाहर है। इस मामले में दो एआरटीओ भी निलंबित हुए थे जिसे पिछले सप्ताह शासन ने कंडीशनल बहाल कर दिया है। अभी तक उनकी कहीं तैनाती नहीं हुई है।
मध्य प्रदेश में पंजीकृत 24 ट्रकों का झारखंड से टेंपरेरी नंबर (टीआर) के सहारे फर्जी सेल लेटर की मदद से लोगों ने परिवहन कार्यालय में पांच ट्रकां का पंजीयन करा लिया। उप परिवहन आयुक्त लक्ष्मीकांत मिश्रा खुद कार्यालय पहुंचकर जांच की तो ट्रकों की संख्या 25 पहुंच गई। हालांकि एक ट्रक को आरसी जारी नहीं हो पाई थी। डीटीसी के निर्देश पर एआरटीओ (प्रशासन) सर्वेश कुमार सिंह की तहरीर पर बड़ागांव पुलिस ने दो जनवरी को मुकदमा दर्ज किया था। मामला गंभीर होने पर तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने एसपी सुरक्षा, सीओ कैंट समेत तीन आइपीएस अधिकारियों की एसआइटी टीम गठित कर पूरे मामले की जांच करने का निर्देश दिया था। एसआइटी चोरी के ट्रकों से जुड़े एक-एक लोगों को बुलाकर पूछताछ कर रही है। जांच में चोरी के वाहनों की संख्या 31 पहुंच गई है।
आयुक्त का पत्र आया है और उस आदेश से निलंबित लिपिक को अवगत करा दिया गया
निलंबित लिपिक लखनऊ मुख्यालय संबद्ध है। ऐसे में एसआइटी टीम ने बयान के लिए परिवहन आयुक्त को पत्र भेजा था। आयुक्त का पत्र आया है और उस आदेश से निलंबित लिपिक को अवगत करा दिया गया है।
-हरिशंकर सिंह, आरटीओ
जांच अधिकारी एसआइ ने कार्यालय पहुंचकर प्राविधिक निरीक्षक से की पूछताछ
परिवहन कार्यालय में चोरी के टैंकर दर्ज कराने की कोशिश और बड़ागांव थाने में खड़ा टैंकर की एनओसी अरुणाचल प्रदेश से नहीं, बल्कि लक्षद्वीप से आई थी। टैंकर मालिक ने लक्षद्वीप से एनओसी लाकर अरुणाचल प्रदेश में दर्ज कराया था। बाद में टैंकर मालिक बनारस के परिवहन कार्यालय में दर्ज कराना चाहता था जिससे पिछला रिकार्ड दिखाई नहीं पड़े। लेकिन टाटा कंपनी ने टैंकर के चेचिस और इंजन नंबर गलत बताते ही सच्चाई सामने आ गई।