साई सेंटर में आठ महीने से बिना कोच के प्रशिक्षण
वाराणसी: आप कल्पना करिए देशभर से चुनी गई एथलेटिक्स, हॉकी और मुक्केबाजी की 33 बालिकाएं बिना कोच के प
वाराणसी: आप कल्पना करिए देशभर से चुनी गई एथलेटिक्स, हॉकी और मुक्केबाजी की 33 बालिकाएं बिना कोच के प्रशिक्षण ले रही हैं। वह भी काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण के केंद्र में। है न हैरानी की बात जबकि खेल प्रतिभा को निखारने के लिए तमाम उपाय किए जा रहे हैं।
पूर्वाचल में बालिकाओं में प्रतिभा देखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में भारतीय खेल प्राधिकरण ने बनारस में केंद्र खोलने का फैसला किया। बीएचयू ने इसके लिए शानदार नया तीन मंजिला छात्रावास दिया। साथ ही एम्फीथियेटर ्रग्रांउड खिलाड़ियों के अभ्यास के लिए खोल दिया। मुक्केबाजो को इंडोर स्टेडियम में अनुमति मिली। 29 अगस्त 2017 को खेल दिवस पर इसका शुभारंभ हुआ।
कुछ समय बाद एक एक कर कोच विभिन्न कारणों से यहां से चली गई। हालत यह है कि पिछले छह महीनें से इस केंद्र पर भारतीय खेल प्राधिकरण का कोई भी कोच तैनात नहीं है। ऐसे में उन 33 प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का क्या कसूर है कि जिस प्रशिक्षण को यहां पर वह बड़े शान से लेने आई थी। वह खुल कर कुछ भी नहीं कह सकती हैं आखिर उनके कॉरियर का सवाल है। आलम यह है कि बिना कोच के इस सत्र के लिए भी नौ बालिकाओं को भी यह केंद्र आवंटित हो गया है। एक बालिका आ भी गई है।
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मैं हर 10वें दिन अधिकारियों को सूचित करता हूं
केंद्र पर कोई भी साई के प्रशिक्षक न होने की जानकारी मैं हर 10वें दिन टीम इंचार्ज को लगातार देते आ रहा हूं। सभी निर्णय लखनऊ से ही होंगे। अगले सप्ताह तीनों खेलों के लिए अप्रैंटिस प्रशिक्षु आ जाएंगे।
दिनेश जायसवाल, सेंटर प्रभारी, साई केंद्र, बीएचयू