मीरजापुर में अब वॉच टावर से सैलानी देखेंगे जोगिया दरी का सौंदर्य, जंगल की हो सकेगी निगहबानी
दुनिया की नजरों में पहली बार सामने आए जोगिया दरी को अब महज जनपद का एक आकर्षक जलप्रपात ही नहीं बल्कि प्राकृतिक साैंदर्य को भी निहारने का मौका मिलेगा।
मीरजापुर [सर्वेश कुमार दुबे]। दैनिक जागरण की पहल पर दुनिया की नजरों में पहली बार सामने आए जोगिया दरी को अब महज जनपद का एक आकर्षक जलप्रपात ही नहीं बल्कि प्राकृतिक साैंदर्य को भी निहारने का मौका मिलेगा। इस जल प्रपात को देखने के लिए पर्यटन मंत्रालय से वॉच टावर की भी मांग की गई है। जल्द ही बजट मिलते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। जनपद के किसी भी जलप्रपात पर यह पहला वाच टावर होगा जहां से कि जोगिया दरी की विहंगम छटा को आसानी से देखा जा सकेगा और आने वाले सैलानी भी यह दृश्य अपनी आंखों में समेट कर जाएंगे जो बार- बार आने के लिए लालायित ही रहेंगे। तीन तरफ से जंगल और पहाडियों से घिरा हुआ यह अलौकिक दृश्य जहां ढाई सौ फीट की ऊंचाई से दूधिया पानी चट्टानों की सतह से सरकते हुए नीचे गिरता है तो मानिए प्रकृति ने मड़िहान क्षेत्र में नजारा दैवीय कर दिया हो।
जागरण की पहल अधिकारियों ने सराहा
जागरण ने अभियान के तहत कई बार प्रमुखता से प्रकाशित किया जिसको संज्ञान में लेते हुए वन क्षेत्राधिकारी प्रदीप कुमार मिश्र ने इसकी रूपरेखा तैयार की और शासन से बजट की मांग भी कर डाली। बजट मिलते ही पहले तो कंकरीले - पथरीले रास्तों को सही कराया और जो झाड़ियां मार्ग में जाने वालों को परेशान करती थी उसे कटवा कर जंगली मार्ग को आमजन के लिए खोलते हुए बिल्कुल ही चुस्त - दुरुस्त करा दिया गया। अब कोई भी सैलानी मड़िहान तहसील से चार किलोमीटर दूर जाने के बाद दाहिने साइड से सीधे जोगिया दरी की ओर रुख कर सकता है। जिसमें अब कोई भी कठिनाई नहीं होगी जो पहले बड़ी समस्या होती थी।
सैलानियों की दिखने लगी भरमार
इस समय वैश्विक महामारी कोरोना ने पूरे देश में दस्तक दी है लेकिन फिर भी लोग शनिवार और रविवार लॉकडाउन के दिन अपने आप को जोगिया दरी के सौंदर्य से वंचित नहीं रख पा रहे हैं। लोग बड़ी संख्या में पहुंचकर पिकनिक मनाने में जुट जाते हैं जो कभी शांत और वीरान दिखाई देता था आज वहां सैलानियों की भीड़ देखने को मिल रही है।
क्या है वॉच टावर
वॉच टावर एक सीढ़ी नुमा ऊंचाइयों वाला वह स्थान है जहां पर सीढ़ियों से चढ़कर 50 से 60 फीट की ऊंचाई पर पहुंचते ही छत के आकार जैसा स्थान बना रहता है। जहां से चारों तरफ आसानी से देखा जा सकता है जिससे एक तो जंगली जानवर, जंगल की गतिविधियां, अवैध खनन, इन सब बातों का बड़ी आसानी से ही पता लगाया जा सकता है जिससे न सिर्फ वन विभाग को बल्कि सैलानियों को भी बड़ी सहूलियत मिलेगी। इसके निर्माण में तकरीबन 15 से बीस लाख रुपए का खर्च आएगा। वन क्षेत्राधिकारी प्रदीप कुमार मिश्र ने बताया कि दरी के छटा में चार चांद लगाने के लिए बजट की मांग की गई है बजट मिलते ही सुंदरीकरण का कार्य शुरू हो जाएगा।