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Top 5 Varanasi News Of The Day 14 January 2021 : मकर संक्रां‍ति पर आस्‍था की कतार चली गंगधार, खिचड़ी बाबा का अनोखा प्रसाद, फ्रांस में हिंदी में पाया मुकाम, पश्चिमी विक्षोभ का दिखेगा असर

बनारस शहर की कई खबरों ने गुरुवार यानी 14 जनवरी को सुर्खियां बटोरीं जानिए शाम चार बजे तक की शहर-ए-बनारस की पांच प्रमुख और चर्चित खबरें जो दिन भर चर्चा में बनी रहीं और लोगों की नजरें भी उन खबरों पर रही।

By Abhishek sharmaEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 03:28 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 03:28 PM (IST)
बनारस शहर की कई खबरों ने 14 जनवरी 2021 गुरुवार को सुर्खियां बटोरीं।

वाराणसी, जेएनएन। बनारस शहर की कई खबरों ने गुरुवार यानी 14 जनवरी को सुर्खियां बटोरींं जिनमें मकर संक्रां‍ति पर आस्‍था की कतार चली गंगधार, खिचड़ी बाबा का अनोखा प्रसाद, फ्रांस में हिंदी में पाया मुकाम, पश्चिमी विक्षोभ का दिखेगा असर, बगैर परीक्षा अगली कक्षा में प्रोन्नत होंगे लाखों आदि प्रमुख खबरें रहीं। जानिए शाम चार बजे तक की शहर-ए-बनारस की पांच प्रमुख और चर्चित खबरें।   

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Makar Sankranti 2021 : काशी में मकर संक्रांति पर पंचग्रही योग के बीच आस्‍था की कतार चली गंगधार

मगर संक्रांति के मौके पर काशी में सुबह से ही कोहरे के बीच गंगा स्‍नान के लिए स्‍नानार्थियों की घाटों पर काफी भीड़ रही। तड़के चार बजे से ही गंगा घाटों पर आस्‍था हिलोरें लेती नजर आई। हर हर बम-बम और जय गंगा मैया के साथ ही बधइया बजने और मंदिर में घंट घड़ि‍यालों के शोर के बीच स्‍नान का दौर शुरू हुआ तो दिन चढ़ने तक लोगों की आस्‍था की कतार टूटती कहीं से नजर नहीं आई। दोपहर तक मकर संक्रांति की पुण्‍य की डुबकी लोगों ने लगाई और आस्‍था की कतार मंदिरों में बनी रही। वहींं सुबह से ही दशाश्वमेध घाट स्थित खिचड़ी बाबा के मंदिर में खिचड़ी का प्रसाद वितरित हुआ। सैकड़ों लोगों ने कतार में खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण किया। दशाश्‍वमेध घाट, शीतला घाट, पंचगंगा घाट, असि घाट से लेकर गंगा गोतमी संगम कैथी में भी आस्‍था का रेला सुबह से ही नजर आया और लोगों ने गंगा स्‍नान करने के साथ ही दान पुण्‍य भी किया। वहीं सुबह बाबा दरबार में भी दर्शन पूजन का दौर चला और खिचड़ी बाबा मंदिर में भी जाकर आस्‍थावानों ने खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण किया।

वाराणसी में खिचड़ी बाबा के दरबार में भक्‍तों को वर्ष भर मिलता है खिचड़ी का अनोखा प्रसाद

धर्म और आध्‍यात्‍म की नगरी काशी में खिचड़ी का भोग और भगवान के साथ ही भक्‍तों का रिश्ता पुराना ही नहींं बल्कि अनोखा भी है। काशी विश्वनाथ स्थित बाबा दरबार मार्ग यानी विश्वनाथ गली के मुख्य गेट के सामने मौजूद खिचड़ी बाबा के मंदिर पर वर्ष भर सुबह प्रसाद के तौर पर खिचड़ी खिलाई जाती है। वहीं बाबा विश्वनाथ को भी मकर संक्रांति के दिन विशेष तौर पर खिचड़ी का भोग लगाया जाता है। बाबा लाट भैरव के विवाहोत्सव के ठीक दूसरे दिन खिचड़ी का प्रसाद उनके भक्तों में वितरित किया जाता है। उत्‍सव धर्मी काशी में मकर संक्रांति पर्व पर खिचड़ी उत्सव की अनोखी धूम गांव गली मोहल्‍लों से लेकर धर्मस्‍थलोंं तक होती है। मान्‍यता है कि काशी में माता अन्‍नपूर्णा का निवास है और यहां पर कभी कोई भूखा नहीं सोता। गुरुओं की आस्‍था और प्रेरणा का आध्‍यात्मिक केंद्र होने के नाते काशी में गुरु कृपा भी भक्‍तों को प्रसाद के तौर पर मिलता रहा है। बाबा दरबार के पास खिचड़ी बाबा मंदिर में रोज सुबह खिचड़ी का प्रसाद कड़ाहे में बनता है तो भक्‍त कतारबद्ध होकर आस्‍था के प्रसाद के तौर पर ग्रहण करते हैं। 

दैनिक जागरण पढ़कर फ्रांस में हिंदी में पाया मुकाम, कुछ इस तरह है काशी के नितिन के सफलता की दास्‍तान

वाराणसी के रहने वाले नितिन श्रीवास्तव ने बचपन से ही विदेश में अपनी मेधा का लोहा मनवाने का सपना संजोया और उसे पूरा भी किया। जागरण को बताया कि पिता रमेश कुमार श्रीवास्तव स्टेट बैंक में मैनेजर थे, लिहाजा उनको बचपन से ही किसी प्रकार की बुनियादी सुविधाओं की कमी नहीं थी। बताया कि पढ़ाई-लिखाई करने में अव्वल रहने वाले नितिन खेल-कूद में भी काफी सक्रिय थे। बीते दिनों पेरिस में भारतीय दूतावास की ओर से हिंदी में निबंध प्रतियोगिता आयोि‍जित की गई थी उसमें नितिन श्रीवास्‍तव को पहला स्‍थान हासिल हुआ है। इस बाबत दूतावास की ओर से भी सोशल मीडिया में जानकारी साझा की गई है। नितिन के दिल में सात समुंदर पार जाकर मुकाम बनाने की ख्वाहिश थी और देश के साथ ही अपनी जन्‍मभूमि वाराणसी के लिए भी कुछ न कुछ करते रहते हैं। बीते दिनों वाराणसी में रात में लोगों को कंबल ओढ़ाते चर्चा में रहे तो अब फ्रांस में भारतीय दूतावास की ओर से बीते दिनों विश्‍व हिंदी दिवस का आयोजन किया गया तो वहां आयोजित हिंदी में निबंध प्रतियोगिता में भी उन्‍होंने बाजी मारी और पहला स्‍थान हासिल किया।

पूर्वांचल में जल्‍द ही पश्चिमी विक्षोभ का दिखेगा असर, गलन संग बादलों की भी होगी सक्रियता

पहाड़ों पर लगातार बर्फबारी के साथ ही उसका असर अब मैदानी इलाकों की चिंता बढ़ा रहा है। पहाड़ों पर माह भर से रह रहकर बर्फबारी हो रही है, नए वर्ष में पहाड़ बर्फ से ढंग गए और गलन का असर मैदानी इलाकों और पूर्वांचल में भी इसका असर हो रहा है। अरब सागर से एक ओर बादलों की सक्रियता का दौर शुरू होने जा रहा है तो दूसरी ओर यूरोप से आने वाली गलन भरी हवाओं ने दोबारा अफगानिस्‍तान तक दस्‍तक दे दी है। गुरुवार की सुबह तापमान ने दोबारा अपना रुख बदला है और 19.6 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्‍य से तीन डिग्री तक कम है, न्‍यूनतम पारा सीजन में पहली बार सबसे कम 5.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्‍य से चार डिग्री तक कम रहा। इस लिहाज से गुरुवार को तापमान सबसे कम रहा और गलन भरा साबित हुआ।

वाराणसी में कोरोना संक्रमण के भेंट चढ़ा सत्र, बगैर परीक्षा अगली कक्षा में प्रोन्नत होंगे लाखों बच्चे

जूनियर हाईस्कूल स्तर के विद्यालयों का वर्तमान सत्र कोरोना संक्रमण का भेंट चढ़ गया है। वर्तमान सत्र में जूनियर हाईस्कूल स्तर के विद्यालयों का ताला अब तक नहीं खुल सका है। इसे देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग के परिषद विद्यालयों में बगैर परीक्षा के बच्चों को अगली कक्षा में प्रोन्नत करने के लिए मंथन शुरू कर दिया गया है। ऐसे में बिना परीक्षा में शामिल हुए एक से कक्षा आठ तक के लाखों बच्चों का अगली कक्षा में जाना तय माना जा रहा है। राइट टू एजुकेशन (आरटीई) के तहत कक्षा आठ तक के बच्चों को अनुत्तीर्ण करने का प्रावधान नहीं हैं। ऐसे में निजी विद्यालयों ने आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर बच्चों को अगली कक्षा में प्रोन्नत करने पर विचार कर रहे हैं। ज्यादाता निजी विद्यालयों में शिक्षकों को आनलाइन क्लास के संग-संग बच्चों का आंतरिक मूल्यांकन करने का भी निर्देश दिया जा रहा है। वहीं परिषदीय विद्यालयों में आनलाइन क्लास के संग-संग सितंबर से ही मोहल्ला स्कूल का संचालन किया जा रहा है।


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