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Tokyo Olympics : मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने ललित उपाध्याय को दिया आशीष, कहा-ऐसे ही जग में करते रहें नाम

सर्किट हाउस में गुरुवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने ओलिंपिक कांस्य पदक विजेता भारतीय हाकी टीम के सदस्य ललित उपाध्याय का सम्मान किया। काशी के लाल को आशीष देते हुए कहा कि इसी तरह प्रदेश व देश का मान बढ़ाते रहें और अगले ओलिंपिक में मेडल का रंग सुनहरा करें।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 12 Aug 2021 10:14 PM (IST)Updated: Thu, 12 Aug 2021 10:32 PM (IST)
Tokyo Olympics : मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने ललित उपाध्याय को दिया आशीष, कहा-ऐसे ही जग में करते रहें नाम
सीएम योगी आदित्यनाथ ने ओलिंपिक कांस्य पदक विजेता भारतीय हाकी टीम के सदस्य ललित कुमार उपाध्याय का सम्मान किया।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। अपने काशी दौरे के दौरान सर्किट हाउस में गुरुवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने ओलिंपिक कांस्य पदक विजेता भारतीय हाकी टीम के सदस्य ललित कुमार उपाध्याय का सम्मान किया। काशी के लाल को आशीष देते हुए कहा कि इसी तरह प्रदेश व देश का मान बढ़ाते रहें और अगले ओलिंपिक में मेडल का रंग सुनहरा करें। इस दौरान उन्होंने ओलिंपिक मेडल को अपने हाथों में लिया और ललित से उनके टोक्यो ओलिंपिक के अनुभव सुने। इस दौरान विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह व ललित के पिता सतीश उपाध्याय भी उपस्थित थे।

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गुरुवार को ललित गाजीपुर भी गए थे। करमपुर में उन्होंने स्व: तेज बहादुर सिंह को मेडल समर्पित करते हुए लोगों का दिल जीत लिया। ललित ने कहा कि काश आज तेजू भइया रहे होते। उनके सपने को पूरा करने में कोई कोर कसर नहीं छोडूंगा। उन्हीं की बदौलत आज यहां तक पहुंचा हूं। वह द्रोणाचार्य पुरस्कार के असली हकदार हैं, उन्हें यह मिलना चाहिए। स्वागत से अभिभूत ललित उपाध्याय कुछ क्षण के लिए भावुक भी हो गए। तेजबहादुर सिंह के चित्र पर मेडल समर्पित करते हुए उनका मन थोड़ा द्रवित हुआ, लेकिन किसी को अहसास नहीं होने दिया। ललित ने कहा कि मेरा जन्म भले ही वाराणसी में हुआ है, लेकिन मेरी कर्मभूमि करमपुर है। मेरी इच्छा थी कि मैं टोक्यो ओलिंपिक में हासिल करने वाला पदक स्व तेजबहदुर भइया के हाथों पहनूंगा। मेरा दुर्भाग्य है कि आज वे हमारे बीच नहीं हैं।

ओलिंपिक कांस्य पदक विजेता हाकी खिलाड़ी ललित उपाध्याय हाई स्कूल तक की पढ़ाई यूपी कालेज से की थी और यहीं के ग्राउंड पर हाकी का ककहरा सीखा था। गुरुजनों व मित्रों का आभार जताते हुए कहा कि आज मैं जिस भी ऊंचाई पर हूं, उसके कोच परमानंद मिश्रा का बहुत बड़ा योगदान रहा है। वहीं यूपी इंटर कालेज के वर्तमान प्रधानाचार्य डा. आरपी सिंह ने कक्षा छह में मेरा नाम कटने से रोका था और पढ़ाई व खेल दोनों में सामंस्य स्थापित करते खेलने के लिए प्रेरित किया था।


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