Move to Jagran APP

गेशे जम्पा में दिखा तिब्बती शरणार्थियों का दर्द, डा. नीरजा माधव के उपन्यास पर आधारित नाट्य मंचन

केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान (सारनाथ) में गेशे जम्पा नाटक में गेशे जम्पा में दिखा तिब्बती शरणार्थियों का दर्द डा. नीरजा माधव के उपन्यास पर आधारित नाट्य मंचन।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 08 Mar 2020 04:39 PM (IST)Updated: Sun, 08 Mar 2020 04:39 PM (IST)
गेशे जम्पा में दिखा तिब्बती शरणार्थियों का दर्द, डा. नीरजा माधव के उपन्यास पर आधारित नाट्य मंचन
गेशे जम्पा में दिखा तिब्बती शरणार्थियों का दर्द, डा. नीरजा माधव के उपन्यास पर आधारित नाट्य मंचन

वाराणसी, जेएनएन। केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान (सारनाथ) में शनिवार को 'गेशे जम्पा' नाटक में गेशे जम्पा में दिखा तिब्बती शरणार्थियों का दर्द, डा. नीरजा माधव के उपन्यास पर आधारित नाट्य मंचन। प्रसिद्ध साहित्यकार डा. नीरजा माधव के उपन्यास 'गेशे जम्पा' पर आधारित नाट्य मंचन में देश में निवास कर रहे तिब्बती शरणार्थियों की हिंसक मुक्ति साधना व सांस्कृतिक, सामाजिक अस्मिता की छटपटाहट देखने को मिली। संस्थान के अतिशा हाल में प्रसिद्ध रंग संस्था कामायनी के कलाकारों ने 'गेशे जम्पा' का जीवंत मंचन किया।

loksabha election banner

तिब्बती शरणार्थियों की मातृभूमि से दूरी की पीड़ा, राजनैतिक दंश, मानवाधिकार के प्रश्न जहां एक ओर उपन्यास को वैश्विक आवाज बनाते हैं वहीं एक अव्यक्त प्रेम की धारा लगातार अंतरवर्तिनी शक्ति की तरह उपन्यास को एक लय और प्रवाह प्रदान करती है। मुख्य पात्र गेशे जम्पा तिब्बत का तो नायिका देवयानी भारत का प्रतिनिधित्व करती है। उपन्यास को तिब्बती विवि के पाठ्यक्रम में भी शामिल किया गया है।

कामायनी संस्था के कलाकार वीणा सहाय के नाट्य रूपांतरण और सुमित श्रीवास्तव के निर्देशन में 'गेशे जम्पा' का बखूबी मंचन हुआ। संस्था के अध्यक्ष डा. दीपक कुमार ने नाट्य मंचन की चुनौतियों व तिब्बत को मंच पर उतारने की सराहनीय कोशिश की।  'गेशे जम्पा' की भूमिका में यशवीर चौधरी व 'देवयानी' की भूमिका में विशाखा आहूजा ने जीवंत अभिनय किया। माई डोलमा की भूमिका में नीलम सिंह ने दर्शकों को भावुक किया। नाट्य मंचन में शैल खान के संगीत ने जादू बिखेरा। अनंत श्रीवास्तव, अमित अग्रवाल, साहेब कुमार सौरभ, कंचन शर्मा, अनुराधा, राहुल, नीलम, नीतीश, अरविंद, अभिषेक, सरिता, विशाल, अर्पिता ने उत्कृष्ट अभिनय से दर्शकों का मन मोह लिया।

मुख्य अतिथि संस्थान के कुलपति प्रो. नवांग समतेन ने कहा कि गेशे जम्पा उपन्यास पर शोध भी किया जा रहा है। अध्यक्षता करते हुए डा. नीरजा माधव ने कहा कि तिब्बत के परिवेश व भाषा को मंच पर उतरना इन कलाकारों की एक बड़ी साधना है। आज जब ज्यादातर युवा वर्ग तकनीकी शिक्षा व बड़े-बड़े पैकेज की ओर भाग रहे, ऐसे में रंगमंच से जुड़े इन युवाओं का कला के प्रति समर्पण प्रशंसा के योग्य है। स्वागत डा. अनुराग त्रिपाठी, संचालन डा. राम सुधार सिंह व धन्यवाद कुलसचिव डा. आरके उपाध्याय ने दिया। समारोह में महाबोधि इंटर कालेज के प्रधानाचार्य डा. बेनी माधव, पं. संतोष मिश्र, कविता शर्मा, माया श्रीवास्तव, देव राज नेगी, डा. बाबू राम त्रिपाठी, सुचिता, रीता जायसवाल व महेश सहित भारत- तिब्बत सहयोग मंच के पदाधिकारी व विद्यार्थी उपस्थित रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.