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तीन साल बीत गए आखिर कब होगा वाराणसी के 86 शहरी गांवों का विकास, समस्याओं से जूझ रहे निवासी

वाराणसी शहर में 86 गांवों को शामिल कर लिया गया है। इसे तीन साल बीत गए हैं लेकिन विकास के नाम पर एक भी बड़ी योजना इन इलाकों को नहीं मिली है। विकास की बाट जोह रहे रहनवार सीवेज पेयजल ड्रेनेज व सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 06 Sep 2021 07:46 AM (IST)Updated: Mon, 06 Sep 2021 07:46 AM (IST)
तीन साल बीत गए आखिर कब होगा वाराणसी के 86 शहरी गांवों का विकास, समस्याओं से जूझ रहे निवासी
तीन साल बीत गए हैं लेकिन विकास के नाम पर एक भी बड़ी योजना इन इलाकों को नहीं मिली है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। शहर में 86 गांवों को शामिल कर लिया गया है। इसे तीन साल बीत गए हैं लेकिन विकास के नाम पर एक भी बड़ी योजना इन इलाकों को नहीं मिली है। विकास की बाट जोह रहे रहनवार सीवेज, पेयजल, ड्रेनेज व सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि इन योजनाओं को लेकर अब तक कोई ठोस सर्वे भी नहीं हुआ है, जबकि प्रारंभिक आकलन के हिसाब से मूलभूत सुविधाएं विकसित करने के लिए करीब पांच हजार करोड़ चाहिए।

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तीन दिन पूर्व आए नगर विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. रजनीश दुबे के आदेशानुसार बिना सुविधाएं विकसित किए शहरी गांवों से गृहकर, जलकर आदि वसूली नहीं हो सकती। ऐसे में दूसरे मदों से धन की व्यवस्था कर इन इलाकों का विकास करना नगर निगम की मजबूरी होगी। फिलहाल, मारुति नगर, शिवाजी नगर, तारा नगर आदि इलाके बारिश व बाढ़ से पानी में घिरे हैं। जलभराव में सीवेज का गंदा पानी मिलने से दुर्गंध फैली है। मंडुआडीह के पंचवटी, सिधोरिया, कंदवा, पहाड़ी गेट, लोहता आदि इलाके बजबजा रहे हैं। पीने के लिए पेयजल मुहैया नहीं है। फुलवरिया, बड़ा लालपुर, सिंहपुर आदि इलाके भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। शहर विस्तार के बाद करीब 20 वार्ड और एक जोन बढऩे की उम्मीद है। 60 हजार नए भवन गृहकर के दायरे में आएंगे। वर्तमान में 90 वार्ड व पांच जोन वजूद में हैं।

नगर निगम बना रहा माइक्रो प्लान

नगर निगम माइक्रो प्लान बना रहा है। इसके तहत यहां की गलियां व सड़कें पक्की हो जाएंगी। सीवर, पेयजल, बिजली, नाली, नाला, स्टार्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम, स्ट्रीट लाइट आदि कार्य होंगे। बाजार-हाट से लेकर हाईटेक ट्रैफिक सुविधाओं का विस्तार होगा।

1050 सफाई कर्मियों की जरूरत

नगर निगम के पास वर्तमान में ही सफाई कर्मचारी मानक के मुताबिक नहीं है। संविदा और आउटसोर्स से कर्मियों का इंतजाम कर काम चलाया जा रहा है। अब करीब तीन लाख आबादी वाले इन गांवों के जुड़ जाने से नगर निगम को 1050 और सफाई कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। वर्तमान मानक के अनुसार प्रति दस हजार की आबादी पर 35 सफाई कर्मचारी होना चाहिए। साथ ही एक जोनल अधिकारी, दो कर अधीक्षक और एक दर्जन कर निरीक्षक सहित पचास और कर्मचारियों की जरूरत पड़ेगी।

इन गांवों को किया गया है शामिल

दक्षिणी में : भगवानपुर, आंशिक डाफी, छित्तूपुर, सूसुवाही, चितईपुर, अवलेशपुर, करौंदी, सीरगोवर्धन, नासिरपुर, नुआंव, कंदवा, पोंगलपुर आदि।

पश्चिमी में : जलालीपट्टी, पहाड़ी, गनेशपुर, कंचनपुर, भिखारीपुर कला, चुरामनपुर, मड़ौली, ककरमत्ता, भिखारीपुर खुर्द, चांदपुर आंशिक, महेशपुर, शिवदासपुर, तुलसीपुर, मंडुवाडीह, लहरतारा, फुलवरिया, बड़ागांव अव्वल, नाथूपुर आदि।

उत्तरी भाग में : तरना, गनेशपुर, हटिया, छतरीपुर, चुप्पेपुर, होलापुर, परमानंदपुर, लोढ़ान, बांसदेवपुर, अहमदपुर, हरिहरपुर, सरसवां, कानूडीह, दांदूपुर, हरबल्लभपुर, बनवारीपुर, लमही, मढ़वा, रसूलपुर, सोयेपुर, हासिमपुर, रमदत्तपुर, गोइठहां, रजनहिया, हृदयपुर, हसनपुर, सिंहपुर, मुगदरपुर, खजुही, फरीदपुर, बकसड़ा, खरगपुर, मझमिठियां आदि।

पूर्वी भाग में : संदहा, हिरामनपुर, रूस्तमपुर, तिलमापुर, आशापुर, लेढ़ूपुर, रसूलपुर, रघुनाथपुर, दीनापुर, सलारपुर, खालिसपुर, कोटवां, सरांयमोहाना, डोमरी, सुजाबाद आदि।

रोहनिया विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह से तीन सवाल

- शहरी गांवों के विकास को लेकर आपकी ओर से क्या प्रयास हुए?

- शहर में शामिल गांवों के विकास को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से वार्ता हुई है। एक हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

- तीन साल बीत गए, कब शुरू होगा विकास कार्य?

-इन इलाकों में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। विधायक निधि या फिर नगर निगम के बस की बात नहीं है कि मुकम्मल विकास हो सके। पहले चरण में ही हजार करोड़ से कम की योजना का कोई लाभ नहीं होता। इसलिए देर हुई है।

- कैसे करेंगे विकास, कोई रोडमैप बना है?

- सर्वे कराने के लिए नगर निगम को निर्देशित किया गया है। प्राथमिकता पर ड्रेनेज, सीवेज, पेयजल व सड़क को रखा गया है। सबसे पहले ड्रेनेज व सड़क का निर्माण होगा। फिर सीवेज व पेयजल पर काम होगा। यह कार्य इस वित्तीय वर्ष में प्रारंभ हो जाएगा।


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