लोकार्पण के साक्षी बनेंगे तीन हजार प्रबुद्धजन, देश भर से आएंगे संत-महात्मा, आठ दिसंबर से बंटेगा निमंत्रण पत्र
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण के साक्षी देश के तीन हजार प्रबुद्धजन होंगे। इसमें पद्मश्री और पद्मविभूषण अलंकार से सुशोभित विशिष्टजन के साथ ही संगीत खेल शिक्षा समाजसेवा जगत के लोगों की जुटान होगी। इनकी सूची बनाई जा रही है।
वाराणसी, सौरभ चंद्र पांडेय। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण के साक्षी देश के तीन हजार प्रबुद्धजन होंगे। इसमें पद्मश्री और पद्मविभूषण अलंकार से सुशोभित विशिष्टजन के साथ ही संगीत, खेल, शिक्षा, समाजसेवा जगत के लोगों की जुटान होगी। इनकी सूची बनाई जा रही है। इसमें काशीवासी और यहां से जुड़ी प्रतिभाएं भी शामिल होंगी। इनकी संख्या सात सौ के पार हो सकती है। आमंत्रण देने के लिए कार्ड छपवाया जा रहा है। यह कार्य भाजपा संगठन की ओर से कराया जा रहा है। इसकी जिम्मेदारी संत व प्रबुद्धजन आमंत्रण कमेटी संभाल रही है। एमएलसी लक्ष्मण आचार्य की निगरानी में महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय और डा. सुनील मिश्रा को निमंत्रण देने के लिए प्रदेश शीर्ष नेतृत्व की ओर से सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया है।
देश भर के धर्माचार्यों का समागम
लोकार्पण समारोह में देश भर के धर्माचार्यों का समागम होगा। इसमें श्रीश्री रविशंकर, जग्गी वासुदेव, सभी शंकराचार्य, ज्योर्तिङ्क्षलग मंदिरों के महंत आदि 12 दिसंबर तक काशी आ सकते हैैं। हालांकि अभी इन लोगों के नामों को लेकर संगठन अभी सावधानी बरत रहा है। डा. सुनील मिश्रा ने बताया कि आठ दिसंबर को निमंत्रण देने के लिए बड़े पदाधिकारी कार्ड लेकर जाएंगे। उनकी सहमति के बाद ही आगमन की पुष्टि हो सकेगी।
अगली पंक्ति में होंगे मुमुक्षु भवन के प्रवासी
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण समारोह में 13 दिसंबर को अगली पंक्ति में मुमुक्षु भवन के प्रवासी खड़े नजर आएंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में लोकार्पण के अवसर पर सभी पूजा अनुष्ठान किए जाएंगे। भाजपा संगठन की जिम्मेदारी मोक्ष के आकांक्षी बाबा दरबार तक जाएंगे।बरेका में संगठन की हुई बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने कहा कि मुमुक्षु भवन के रहनवारों को जिम्मेदारी से संगठन के पदाधिकारियों को बाबा दरबार तक ले जाना है और फिर वापस छोडऩा है। भीड़ अधिक होगी लेकिन उन्हें आगे की पंक्ति में रखना है। उन्होंने पदाधिकारियों को मन खोलना, दिल खोलना, जगह छोडऩा का नारा देते हुए कहा कि यदि भाजपा संगठन के चेहरे आगे रहेंगे तो ऐसा संभव नहीं हो सकेगा। भारी भीड़ में अतिथियों का सत्कार नहीं हो सकेगा। इसलिए इस नारे को सभी आत्मसात कर लें। पहले अतिथि, फिर बाद में भाजपा संगठन के पदाधिकारी रहेंगे।