सोनभद्र में अस्थाई कारागार से तीन बंदी हुए फरार, प्रशासन के हाथ-पांव फूले
सोनभद्र में कोविड-19 से बचने के लिए राबर्ट्सगंज के आश्रय गृह में बनाए गए अस्थाई कारागार से मंगलवार की रात में तीन बंदी फरार हो गए। घटना की जानकारी बुधवार को सुबह हुई।
सोनभद्र, जेएनएन। कोविड-19 से बचने के लिए राबर्ट्सगंज के आश्रय गृह में बनाए गए अस्थाई कारागार से मंगलवार की रात में तीन बंदी फरार हो गए। सुबह जब इसकी जानकारी जब अधिकारियों को हुई तो उनमें हड़कंप मच गया। वहीं फरार बंदियों की तलाश में पुलिस जुट गई है। बता दें कि कोरोना से बचने के लिए अस्थाई कारागार बनाया गया है। किसी भी मामले के आरोपित पकड़े जाने पर पहले यहीं रखे जाते हैं और कोविड-19 जांच के बाद ही उन्हें स्थाई जेल में भेज जाता है। इसी क्रम में बंदियों को अस्थाई जेल में रखा गया है लेकिन बीते मंगलवार की रात मौक देख तीन बंदी नौ दो ग्यारह हो गए। घटना की जानकारी होते ही पुलिस प्रशासन के हाथ-पांव फूलने लगे।
तीन दिन पहले जौनपुर के अस्थाई जेल से एक कैदी हुआ था फरार
तीन दिन पहले यानी 13 जुलाई को जौनपुर के पंचहटिया स्थित अस्थाई जेल से बीते रविवार की रात फिर एक और बंदी फरार हो गया था। सोमवार की सुबह बंदियों की संख्या के मिलान के दौरान फरार होने की बात सामने आते ही पुलिस व कारागार प्रशासन के होश उड़ गए। तलाश के लिए तत्काल पुलिस की दो टीम गठित की गई थी। पिछले 18 जून की रात को भी दो बंदी हत्यारोपित राजू चौहान निवासी गांव कटेहरी थाना बदलापुर व बाइक चोर मोनू गौतम गांव विजाधरमऊ थाना मुंगराबादशाहपुर से फरार हो गए थे। हालांकि पुलिस ने एक सप्ताह के अंदर ही दोनों को पकड़ लिया था।
जौनपुर जेल में क्षमता से चार गुना ज्यादा बंदी होने के चलते बनाया गया है अस्थाई जेल
कोरोना संक्रमण के दौर में जिला जेल में क्षमता से करीब चार गुना ज्यादा बंदी होने के चलते शारीरिक दूरी का पालन कराने को पंचहटिया स्थित प्रसाद इंटरनेशनल स्कूल को अस्थाई जेल बनाया गया है। गुंडा एक्ट निरुद्ध व जिला बदर अपराधी जोखन नट निवासी गांव सुंगुलपुर थाना बक्शा उक्त जेल से रविवार की रात में चकमा देकर फरार हो गया। अगले दिन बंदियों की गिनती में इसकी पुष्टि हुई। पुलिस ने पिछले सात जुलाई को गुंडा एक्ट में निरुद्ध जोखन नट को गिरफ्तार कर जेल भेजा था, क्योंकि वह जिला बदर के बाद भी घर पर रह रहा था।