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वाराणसी शहर से बाहर मार्च तक तीन नए सीएनजी स्टेशन, सुरक्षा के लिए सड़क पर और गंगा में एक-एक फायर टेंडर

मार्च तक वाराणसी शहर के बाहरी क्षेत्रों को दायरे में लाने की योजना के तहत तीन से चार सीएनजी स्टेशन बनाए जाएंगे। इसमें करखियांव कछवा रोड और राजातालाब के पास रिंग रोड शामिल हैं। भारी वाहनों के लिए सीएनजी उपलब्ध हो सकेगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 07:30 AM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 07:30 AM (IST)
वाराणसी शहर से बाहर मार्च तक तीन नए सीएनजी स्टेशन, सुरक्षा के लिए सड़क पर और गंगा में एक-एक फायर टेंडर
वाराणसी शहर से बाहर मार्च तक तीन नए सीएनजी स्टेशन

जागरण संवाददाता, वाराणसी : वातावरण शुद्ध रखने और प्रदूषण के कारकों को कम से कम करने के प्रयासों के तहत गैस अथारिटी आफ इंडिया यानी गेल शहर के बाहर मुख्य मार्गों पर तीन से चार सीएनजी स्टेशन बनाने जा रहा है। ये स्टेशन इसी वित्तीय वर्ष मार्च तक तैयार हो जाने की संभावना है। ऐसे स्टेशनों पर छोटे वाहनों से लेकर लंबी दूरी के बड़े वाहनों को सीएनजी उपलब्ध हो सकेगी। अभी शहर में 15 सीएनजी स्टेशन काम कर रहे हैं, जहां आठ हजार वाहनों को सीएनजी उपलब्ध कराई जा रही है।

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गेल डीजीएम गौरीशंकर मिश्र बताते हैं कि मार्च तक शहर के बाहरी क्षेत्रों को दायरे में लाने की योजना के तहत तीन से चार सीएनजी स्टेशन बनाए जाएंगे। इसमें करखियांव, कछवा रोड और राजातालाब के पास रिंग रोड शामिल हैं। अन्य स्टेशन के लिए भी तैयारी की जा रही है। इसके बनने से प्रयागराज, लखनऊ, पटना, रीवां व रांची समेत अन्य बड़े शहरों से आने वाले भारी वाहनों के लिए सीएनजी उपलब्ध हो सकेगी।

उन्होंने बताया कि इन व्यवस्थाओं के लिए वाहनों में लगे सिलेंडर और ट्यूबिंग की जांच सुरक्षा के लिए जरूरी है। गेल कंट्रोल रूम नंबर 9650503792 पर कभी भी किसी समय सीएनजी संबंधी समस्या और सहयोग के लिए फोन किया जा सकता है। सुरक्षा के दृष्टिगत ही सड़क पर एक फायर टेंडर और गंगा में एक फायर बोट चलाए जा रहे हैं। इसपर प्रशिक्षित फायर मैन हैं, जो किसी भी प्रकार की समस्या से निजात दिलाएंगे।

आटोमोबाइल सेक्टर में आत्मनिर्भरता से लेकर जीएसटी व सब्सिडी जैसे बिंदुओं पर काम जरूरी : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी देश को पांच वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्यात में विश्व में नंबर एक बनाने और वर्तमान टर्न ओवर 7.5 लाख करोड़ से 15 करोड़ ले जाने के प्रयास में जुटे हैं। इससे पूर्व मोटर प्रोग्रामिंग का ख्यात नाम इंग्लैंड निवासी जेरेमी क्लार्कसन ने काफी पहले भारत में कारों का सबसे बड़ा निर्माता बनने की क्षमता होने की संभावना जताई थी। इस सेक्टर से जुड़े लोग बताते हैं कि ये स्थितियां बनने में देर नहीं लगेंगी जब सरकार आटोमोबाइल सेक्टर से लेकर ग्राहक तक को राहत देने वाले कदम उठाए।


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