चंदौली में थर्मल स्कैनर खरीद में हुआ लाखों का वारा-न्यारा, जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित
चंदौली में थर्मल स्कैनर खरीद में लाखों का वारा-न्यारा किया गया है। डीएम ने अधिकारियों की तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है जो 10 दिनों में जांच कर डीएम को रिपोर्ट सौंपेगी।
चंदौली, जेएनएन। गांवों में निगरानी समितियों को वितरित करने के लिए थर्मल स्कैनर की खरीद में लाखों रुपये का वारा-न्यारा करने का मामला सामने आया है। पंचायती राज विभाग विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों ने एक ही कंपनी से थर्मल स्कैनर खरीदे। इसके बदले निर्धारित से अधिक कीमत चुकाने का आरोप है। उपनिदेशक पंचायत एके सिंह ने इसे स्वत: संज्ञान लिया और अनियमितता की आशंका जताते हुए जिलाधिकारी को पत्र भेजकर जांच कराने को कहा है। पत्र मिलते ही डीएम ने अधिकारियों की तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी। समिति 10 दिनों में जांच कर डीएम को रिपोर्ट सौंपेगी। अनियमितता मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई तय मानी जा रही है।
734 ग्राम सभाओं में सभी निवासियों की कराई जा रही थर्मल स्कैनिंग
शासन के निर्देश पर जिले की 734 ग्राम सभाओं में सभी निवासियों की थर्मल स्कैनिंग कराई जा रही है। इसके लिए निगरानी समितियों व आशा बहुओं को थर्मल स्कैनर खरीदने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को सौंपी गई थी। पंचायत राज विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की ओर से एक ही कंपनी से थर्मल स्कैनर व पल्स आक्सीमीटर खरीदा गया। इसके बदले निर्धारित से अधिक कीमत चुकाई गई। उपनिदेशक पंचायत वाराणसी एके सिंह ने मामले को स्वत: संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी से जांच कराने को कहा।
समिति को 10 दिनों में जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश
पत्र में सीधे तौर पर कहा गया है कि अपर जिला पंचायत राज अधिकारी रामउदय यादव, वरिष्ठ लिपिक राजेश सोनकर, ब्लाकों के सहायक विकास अधिकारी व खंड विकास अधिकारियों ने कंपनी के साथ मिलीभगत कर संसाधनों की खरीद में अनियमितता की है। कंपनी व खुद को लाभ पहुंचाने के लिए शासकीय धन का दुरूपयोग किया गया है। उपनिदेशक का पत्र मिलने के बाद महकमे में खलबली मच गई। जिलाधिकारी ने मामले की जांच के लिए उद्योग उपायुक्त, जिला पंचायत राज अधिकारी और वित्त व लेखाधिकारी (बेसिक शिक्षा) की तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है। समिति को 10 दिनों में जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।
1598 स्कैनर व पल्स अाक्सीमीटर की खरीद
जिले में 734 ग्राम पंचायतें व निकायों में 65 वार्ड हैं। सभी ग्राम पंचायतों व वार्डों में कोरोना संक्रमण की जांच के लिए 1598 थर्मल स्कैनर व पल्स आक्सीमीटर की खरीद की गई। शासन ने पहले इसके लिए अलग से बजट जारी करने का भरोसा दिलाया था। लेकिन बाद में ग्राम पंचायतों के मद से खरीदने का निर्देश दिया। ऐसे में संसाधनों की खरीद में जिला पंचायत राज विभाग की भूमिका अहम हो गई। थर्मल स्कैनर के जरिए एक फीट दूरी से ही लोगों के शरीर का तापमान मापा जा सकता है। जबकि आक्सीमीटर को अंगुली में लगाने पर शरीर के तापमान के साथ ही पल्स का भी पता चलता है। जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल का कहना है कि ‘पंचायत उपनिदेशक का पत्र मिलने के बाद मामले की जांच के लिए अधिकारियों की तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी गई है। जांच में अनियमितता पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।