एक ही दिन भर्ती होकर एक ही थाने में तैनात हैं तीन सगे भाई, गाजीपुर के रेवतीपुर थाने में तैनात
गाजीपुर के रेवतीपुर थाने में तैनात तीन सिपाही सगे भाई हैं। लोगों का उनके बारे कौतूहल तब और बढ़ जाता है जब उन्हें पता चलता है कि तीनों भाई एक साथ ही पुलिस में भर्ती हुए।
गाजीपुर [पंकज पांडेय]। जिले के रेवतीपुर थाने में तैनात तीन सिपाही सगे भाई हैं। लोगों का उनके बारे कौतूहल तब और बढ़ जाता है जब उन्हें पता चलता है कि तीनों भाई एक साथ ही पुलिस में भर्ती हुए, एक साथ प्रशिक्षण लिया और एक ही साथ नौकरी भी ज्वाइन कर एक ही थाने पर आ चुके हैं। गोरखपुर के गीडा क्षेत्र के वसुधा गांव निवासी तीनों सगे भाई दिग्विजय यादव, गौरव यादव व सौरभ यादव आम लोगों के लिए ही नहीं बल्कि पूरे पुलिस महकमे में चर्चा के केंद्र में हैं।
गोरखपुर जिला स्थित गीडा क्षेत्र के वसुधा गांव के सत्यप्रताप यादव प्राथमिक विद्यालय कुरमौल में प्रधानाध्यापक पद पर तैनात हैं। उनकी पत्नी विमला देवी गृहिणी हैं। उनके तीनों बेटों के जन्म के वर्ष भले ही अलग-अलग हैं लेकिन मगर महीना जुलाई ही है। यह भी एक संयोग है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा पिपरौली में 10वीं तक मुरारी इंटर कॉलेज सहजनवा में 12वीं तक हुई। इंटर के बाद दिग्विजय ने इलाहाबाद से बीटेक किया तो गौरव ने गोरखपुर विश्वविद्यालय से बीकॉम। सबसे छोटे सौरभ ने लिटिल फ्लावर पालीटेक्निक गोरखपुर से डिप्लोमा किया।
पढ़ाई पूरी करने के बाद तीनों भाइयों ने नौकरी की तलाश शुरू की। पहले टेक्निकल कोर में जाने की कोशिश की लेकिन उसी दौरान 2018 में पुलिस भर्ती निकल गई। इसमें तीनों ने एक साथ आवेदन कर दिया। संयोग से तीनों को शारीरिक परीक्षा के लिए गोरखपुर जिला मिला। लिखित परीक्षा फैजाबाद में हुई। दिसंबर 2018 में फाइनल रिजल्ट आया जिसमें तीनों चयनित हो गए। इसके बाद प्रशिक्षण के लिए तीनों भाइयों को मीरजापुर में पीएसी 39वीं वाहिनी आवंटित हुई। तीनों ने एक साथ ट्रेनिंग पूरी की। पॉसिंग आउट परेड के बाद निकले तो तीनों भाइयों को एक साथ पहली तैनाती गाजीपुर जिले के रेवतीपुर थाने पर मिली।
सिविल सर्विस की कर रहे तैयारी
रेवतीपुर थाने में तैनात दिग्विजय ने बताया कि तीनों भाई साथ में सिविल सर्विसेस की तैयारी कर रहे हैं। ड्यूटी के साथ समय निकालकर पढ़ाई भी करते हैं। कोरोना के चलते कई परीक्षाएं रद होने का मलाल है लेकिन जल्द ही फार्म भरकर अगली परीक्षा में शामिल होंगे। इसमें दिग्विजय और सौरभ सिविल में अफसर बनना चाहते हैं तो गौरव पुलिस अधिकारी बनना चाहते हैं।
तीनों की अलग-अलग ड्यूटी
तीनों भाई भले ही एक ही थाने में तैनात हैं लेकिन उनकी ड्यूटी अलग-अलग है। दिग्विजय कंप्यूटर ऑपरेटर हैं तो गौरव बीट की ड्यूटी करते हैं। वहीं सौरभ ऑफिस का कार्य देखते हैं। तीनों भाई एक ही बैरक में रहते हैं और साथ ही नाश्ता व भोजन करते हैं। उन्होंने बताया कि 2018 के अंत में भी एक पुलिस भर्ती निकली थी। तीनों भाइयों ने उसमें भी आवेदन किया था और तीनों चयनित भी हुए थे लेकिन उन्होंने पहली वाली भर्ती को ज्चाइन किया।
सगी बहनों से विवाह की बात पर हंस पड़ते हैं तीनों
तीनों सगे भाई पुलिसकर्मियों से जब यह सवाल किया गया कि क्या वह विवाह के लिए भी तीन सगी बहनों की तलाश कर रहे हैं ? इस पर तीनों हंस पड़ते हैं। उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं है। उनका एक साथ एक ही नौकरी में आना एक संयोग है। अब इसे जानबूझ कर दोहराया नहीं जाएगा, जिसका जहां विवाह ठीक होगा, वहीं किया जाएगा। फिलहाल यह फैसला माता-पिता को ही लेना है।