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वाराणसी में चोरी के 64 मोबाइल फोन के साथ तीन गिरफ्तार, आजमगढ़ से लेकर जा रहे थे बिहार

सिगरा पुलिस के हाथ शुक्रवार को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पूर्वांचल के विभिन्न जिलों से चुराए गए 64 मोबाइल फोन के साथ तीन आरोपितों को रोडवेज क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया। तीनों आरोपित पश्चिम बंगाल के मालदा के कालिया चक के निवासी हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 16 Jul 2021 08:10 PM (IST)Updated: Fri, 16 Jul 2021 08:10 PM (IST)
वाराणसी में चोरी के 64 मोबाइल फोन के साथ तीन गिरफ्तार, आजमगढ़ से लेकर जा रहे थे बिहार
चुराए गए 64 मोबाइल फोन के साथ तीन आरोपितों को रोडवेज क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। सिगरा पुलिस के हाथ शुक्रवार को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पूर्वांचल के विभिन्न जिलों से चुराए गए 64 मोबाइल फोन के साथ तीन आरोपितों को रोडवेज क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया। तीनों आरोपित पश्चिम बंगाल के मालदा के कालिया चक के निवासी हैं। उनसे बरामद फोन की कीमत आठ लाख रुपये से ज्यादा आंकी गई है।

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खास यह है कि सीधे- साधे लोगों की गाढ़ी कमाई में सेंध लगाने के लिए इन मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया जाता। इसे झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल समेत बॉर्डर के पार बांग्लादेश में बैठे साइबर अपराधियों को बेचने का इरादा था। आतंकवाद निरोधक दस्ते ने भी आरोपितों से पूछताछ की। पूछताछ तस्दीक करने के बाद तीनों का कोई आतंकी कनेक्शन स्पष्ट न होने पर उन्हें अदालत में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। पुलिस के मुताबिक इस सिंडिकेट में और कौन शामिल है, इसका पता लगाया जाएगा।

पटना के रास्ते निकलने की तैयारी

सिगरा पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपित शमीम आदाब, स्वपन दास और मो. साजन शेख पटना के रास्ते निकलने की तैयारी में थे। रोडवेज क्षेत्र से संचालित अवैध निजी वाहन स्टैंड पर तीनों बस पकडऩे पहुंचे थे। इस दौरान रोडवेज पुलिस चौकी प्रभारी मो. सूफियान खान, हेड कांस्टेबल विनय कुमार सिंह व राजेश कुमार सिंह क्षेत्र में गश्त कर रहे थे। इस बीच रोडवेज के सामने ओवरब्रिज के नीचे उनकी निगाह तीनों पर पड़ी, संदेह होने पर बैग खोला तो उसमें बड़ी संख्या में मोबाइल फोन मिले।

आठ से दस हजार में होता एक फोन का सौदा

बरामद मोबाइल को पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों से चोरी किया गया था। इसकी डिलिंग आजमगढ़ में हुई। पकड़े गए शमीम ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि आजमगढ़ निवासी शेखर उन्हें पूर्वांचल के अलग - अलग जिलों में मोबाइल चुरा कर देता है। वे चोरी के मोबाइल की दूसरी खेप लेने आए थे। एक हजार से दो हजार रुपये में प्रति मोबाइल खरीदा गया है। इसे झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में ले जाकर आठ से दस हजार रुपये में बेच दिया जाता। इस तरह के फोन के लिए साइबर फ्रॉड मुंहमांगी कीमत देने के लिए तैयार रहते हैं। विभिन्न राज्यों में फैले ऐसे तत्व ज्यादातर चोरी के मोबाइल फोन से भोली भाली जनता को अपना शिकार बनाते हैं। शेखर की तलाश में पुलिस की एक टीम आजमगढ़ रवाना हो गई है।

पुलिस मोबाइल खोजने 700 किमी दूर नहीं आती

आरोपितों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि यहां से मालदा की दूरी करीब सात सौ किमी है। पुलिस सर्विलांस से खोए या चोरी हुई मोबाइल की लोकेशन भले पता कर ले, लेकिन खोजबीन करने नहीं आती है। इसी का फायदा उठाकर हम लोग उठाते हैं।


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