मऊ में तीन आरोपित गिरफ्तार, युवक की हत्या प्रेम प्रसंग और भूमि विवाद के इर्द-गिर्द घूम रही कहानी
मऊ के हलधरपुर थाना क्षेत्र के बड़ागांव (चतरिया) निवासी प्रद्युम्न चौहान की घर में बंधक बनाकर पीट-पीटकर की गई निर्मम हत्या के मामले में पुलिस ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही पुलिस मृतक के दोस्तों से भी मामले की पूछताछ कर रही है।
जागरण संवाददाता, मऊ। हलधरपुर थाना क्षेत्र के बड़ागांव (चतरिया) निवासी प्रद्युम्न चौहान की घर में बंधक बनाकर पीट-पीटकर की गई निर्मम हत्या के मामले में पुलिस ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही पुलिस मृतक के दोस्तों से भी मामले की पूछताछ कर रही है। ग्रामीणों की मानें तो इसमें एक युवक को भी मारपीट कर बंद किया गया था। बाद में धमकी देकर आरोपितों ने छोड़ दिया था। इस घटना को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। कोई प्रेम-प्रपंच का मामला बता रहा है तो कोई भूमि विवाद का। उधर पुलिस मुख्य आरोपित की तलाश में उसके रिश्तेदारी सहित संभावित ठिकानों पर तलाश कर रही है। मंगलवार की दोपहर लगभग 3:30 बजे पोस्टमार्टम के बाद शव गांव पहुंचा।
बताया जाता है कि सोमवार की सुबह प्रद्युम्न घटनास्थल से कुछ दूर स्थित प्रेमचंद्र की दुकान पर अपने दोस्तों के साथ बैठा था। वहीं से मृतक के चाचा उदयभान उसे बुलाकर अपने भाई रामानंद के घर पर ले गया। जहां आरोपितों ने उसे बंधक बनाकर लाठी-डंडे से मारापीटा। इससे उसकी मौत हो गई। चर्चाओं की मानें तो इसी दौरान मृतक का दोस्त रोहित घूमते-घूमते घटनास्थल पर पहुंचा और मारपीट सुनकर घर के अंदर गया। तो वहां आरोपितों ने उसे भी एक अलग कमरे में बंद कर दिया तथा कुछ देर बाद इस घटना का जिक्र कहीं न करने की चेतावनी देते हुए उसे छोड़ दिया। इस मामले में पुलिस ने घटना के बाबत पूछताछ करने के लिए गांव के एक किशोर व दुकानदार प्रेमचंद्र चौहान को थाने लाई है। इस घटना को लेकर गांव में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। इस मामले में पुलिस अभी तक चाची मिंता, चचेरी बहन कंचन व एक किशोर को गिरफ्तार सोमवार को ही गिरफ्तार कर लिया है।
जवान बेटे को मुखाग्नि देते फफक-फफक पड़े पिता
घटना की सूचना के बाद पंजाब से घर मंगलवार की सुबह पिता सुखनंदन घर पहुंचा। बड़े बेटे की हत्या के बाद उसका रोते-रोते बुरा हाल है। जिस पुत्र को अपने बुढ़ापे का सहारा मानकर उसने कठिन परिश्रम करके परवरिश किया, उसी जवान बेटे की अर्थी कंधे पर उठाकर श्मशान चले पिता के आंसू रुकने का नाम लेने नहीं ले रहे थे। गांव में स्थित एक परती पर मृत बेटे के शव को जब अभागे पिता ने मुखाग्नि दिया तो वहां उपस्थित सभी लोगों की आंखें छलछला गई। हर कोई इस बात की चर्चा कर रहा था कि दोषियों को इस जघन्य हत्याकांड के लिए कठोर से कठोर दंड दिया जाना चाहिए। जिससे गांव में बने भय एवं आतंक के माहौल पर विराम लग सके।