एसिड अटैक की धमकी देने वाला घूम रहा आजाद, लिहाजा उस छात्रा ने कालेज जाना ही छोड़ दिया
माता-पिता की मौत के बाद अपने पैरों पर खड़े होकर समाज के बीच अच्छी जिंदगी जीने की कोशिश करने वाली युवती आज एक कमरे के अंदर रहने को मजबूर है।
वाराणसी, जेएनएन। माता-पिता की मौत के बाद अपने पैरों पर खड़े होकर समाज के बीच अच्छी जिंदगी जीने की कोशिश करने वाली युवती आज एक कमरे के अंदर रहने को मजबूर है। दरवाजे पर कोई खटखट की आवाज होती है तो मन दहल उठता है कि कहीं वह सिरफिरा तो नहीं आ गया जो उसपर तेजाब फेंकने की धमकी देता है। पुलिस के संज्ञान में एक माह से मामला है, बावजूद इसके आरोपित खुलेआम घूम रहा है।
शिवपुर थाना क्षेत्र के मीरापुर बसही इलाके में रहने वाली एक युवती माता-पिता के देहांत के बाद कांशीराम आवासीय कालोनी में आकर रहने लगी। आर्थिक तंगी के बीच उसने आइटीआइ की पढ़ाई शुरू की। इसी दौरान कालोनी में रहने वाली एक लड़की से उसकी मित्रता हो गई। घर आना-जाना शुरू हो गया। युवती का भाई महेंद्र पीडि़ता पर बुरी नजर रखने लगा। बहन की गैर मौजूदगी में महेंद्र पीडि़ता के साथ अश्लील हरकतें करने लगा। पीडि़ता ने इसकी शिकायत उसकी बहन से की लेकिन महेंद्र का मन बढ़ता गया।
दो माह पूर्व पीडि़ता जब दर्शन-पूजन के लिए निकली तो महेंद्र ने उसे रास्ते में रोक लिया और छेड़खानी करने लगा। शोर मचाने पर आसपास के लोग जुट गए तो तेजाब फेंककर जिंदगी बर्बाद करने की धमकी देते हुए भाग गया। रात में महेंद्र ने फोन करके भी धमकी दी कि तुम मेरी नहीं तो किसी और की नहीं होने दूंगा। तुम्हारे चेहरे पर तेजाब फेंक दूंगा। तेजाब का नाम फिर सुनते ही पीडि़ता कांप उठी। हिम्मत जुटाकर अगले दिन 13 दिसंबर 2019 को पीडि़ता शिवपुर थाने पहुंची और महेंद्र के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। एक माह बाद भी पुलिस आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर सकी जिसके चलते युवती काफी सहमी है। उसने कालेज जाना भी बंद कर दिया है।
फाइलों में कैद होकर रह गए दिशा-निर्देश
एसिड अटैक की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए अखिलेश यादव की सरकार ने 2016 में तेजाब की बिक्री को लेकर नियम-कानून जारी किया था। तय हुआ था कि तेजाब की बिक्री करने वाले दुकानदारों की एक सूची बने। दुकानदारों को एक रजिस्टर रखने के निर्देश दिए गए थे जिसमें स्टाक के साथ ही तेजाब खरीदने वालों का नाम-पता समेत अन्य ब्योरा दर्ज करने का निर्देश दिया गया। अखिलेश सरकार के बाद योगी सरकार ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दिशा-निर्देश जारी किए। अफसोस कि सरकार भले गंभीर हो लेकिन सरकारी मशीनरी इसको लेकर गंभीर नहीं है। बनारस में कितने दुकानदार तेजाब की बिक्री करते हैं, किसी को नहीं मालूम। प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के चलते दुकानदार भी नियम का पालन नहीं करते।
सरकार ने जारी किया था निर्देश
- एसिड और विष को भंडारित करने वाले दुकानदारों को रजिस्टर रखना होगा।
- दुकानदारों को एक पहचान पत्र भी निर्गत किया जाए।
- रजिस्टर में एसिड की प्राप्ति की तारीख व मात्रा अंकित करनी होगी।
- तेजाब जिसने खरीदा, उसका नाम-पता, मोबाइल नंबर लिखना होगा।
- तेजाब खरीदने का कारण बताना होगा।
- बेचे गए तेजाब की मात्रा लिखनी होगी।
- तेजाब खरीदने वाला अंगूठाछाप है तो उसके अंगूठे का निशान रजिस्टर में दर्ज होगा।
सिरफिरों से परेशान युवतियां -
कोई एसिड अटैक की धमकी दे रहा तो कोई चाकू से हमला बोल रहा। मनचलों पर होने वाली कागजी कार्रवाई के चलते बनारस में कई युवतियों को स्कूल-कालेज जाना बंद करना पड़ा। रोहनिया में शनिवार को एक छात्रा पर चाकू से हमला किया गया। शिवपुर में एसिड अटैक की धमकी दी गई। सिगरा में पूर्व में पड़ोसी की हरकतों से आजिज आकर छात्रा ने स्कूल जाना बंद कर दिया था। लंका में भी एक गुंडे से त्रस्त होकर छात्रा के परिजनों ने मकान छोड़ दिया और दूसरे इलाके में रहने लगे लेकिन उसने पीछा नहीं छोड़ा। आए दिन राह चलते होने वाली छेड़खानी से आजिज आकर उसने कालेज जाना बंद कर दिया था।