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वाराणसी में इस बार गर्मी में नहीं सूखेंगे शहरवासियों के हलक, जलकल विभाग ने कसी कमर

वाराणसी में शिवाला स्थित होटल ब्राडवे के समीप मलदहिया विजया नगरम मार्केट में प्राइमरी पाठशाला के पीछे सुदामापुरा विजयीपुरा में कोनिया स्थित पुरानी बस्ती मोतीझील के पास मिनी नलकूप जबकि धूपचंडी में बड़ा नलकूप लगाया जा रहा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 12:45 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 12:45 PM (IST)
वाराणसी में इस बार गर्मी में नहीं सूखेंगे शहरवासियों के हलक, जलकल विभाग ने कसी कमर
कई मुहल्लों में गर्मी के दिनों में पानी पाइप से नहीं पहुंच पाता है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। इस बार गर्मी के मौसम में शहरवासियों के हलक पानी के अभाव नहीं सुखेंगे। इसके लिए जलकल विभाग ने कमर कस ली है। अग्रिम योजना बनाते हुए खासतौर से उन मुहल्लों में जिनमें गर्मी के दिनों में नियमित रूप से जलापूर्ति नहीं हो पा रही थी, वहां इस दिशा में काम भी शुरू हो गया है। कारण यह कि दूरी की वजह से प्रेशर कम होने के कारण कई मुहल्लों में गर्मी के दिनों में पानी पाइप से नहीं पहुंच पाता है। ऐसे इलाकों को चिह्नित कर जलकल विभाग की ओर से छह जगहों पर नलकूप लगाया जा रहा है।

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इसमें शिवाला स्थित होटल ब्राडवे के समीप, मलदहिया, विजया नगरम मार्केट में प्राइमरी पाठशाला के पीछे, सुदामापुरा, विजयीपुरा में कोनिया स्थित पुरानी बस्ती मोतीझील के पास मिनी नलकूप जबकि धूपचंडी में बड़ा नलकूप लगाया जा रहा है। 27.45 लाख से मिनी नलकूप और 50 लाख की लागत से बड़े नलकूप का निर्माण किया जा रहा है। इसका निर्माण हो जाने से इन इलाकों में स्थित तकरीबन दस हजार आबादी लाभान्वित होगी, जिन्हें गर्मी के दिनों में पानी के लिए भटकना पड़ता है। यह कार्य उत्तर प्रदेश जल निगम की ओर से कराया जा रहा है तथा जलकल विभाग का दावा है कि फरवरी माह तक इसे पूरा कर चालू कर दिया जाएगा। जल कल विभाग की ओर से 148 नलकूप व 128 मिनी नलकूप पूर्व से संचालित हैं। इसके अलावा गर्मी को देखते हुए लीकेज को दुरुस्त तथा नलकूपों के मरम्मत का कार्य भी युद्ध स्तर पर जारी है।

गड्ढे से हो सकती दुर्घटना : मिनी नलकूप के लिए विजया नगरम मार्केट में प्राइमरी पाठशाला के पीछे तकरीबन आठ फीट गड्ढा खोदकर छोड़ दिया गया है। जहां पर गड्ढा खोदा गया है, वहां से लोगों को आना-जाना होता है। ऐसे में किसी समय भी दुर्घटना हो सकती है। मुहल्ले के लोगों ने बताया कि तकरीबन दस दिनों से काम बंद है, तब से यह गड्ढा ऐसे ही पड़ा है। इस नलकूप के लिए महापौर मृदुला जायसवाल ने बीते आठ जनवरी को इसकी आधारशिला रखी थी। हालांकि इस गड्ढे में अभी पानी नहीं भरा है। लेकिन पानी भर गया तो यह खासतौर से बच्चों के लिए खतरनाक हो जाएगा।

नगर में ऐसे है पानी प्रबंधन : नगर में 145 एमएलडी प्रोडक्शन गंगा वाटर से तथा 155 एमएलडी वाटर ट्यूबवेल, टैंक से कुल 300 एमएलडी वाटर का प्रोडक्शन है। शहर की 20 लाख आबादी के सापेक्ष करीब 27 करोड़ लीटर पानी की जरूरत है। लक्ष्य के सापेक्ष करीब 16 करोड़ लीटर पानी की जरूरत को अन्य स्रोतों से पूरा किया जाता है। इसमें घरों में लगे सबमर्सिबल पंप, हैंडपंप, कुएं आदि परंपरागत स्रोतों के अलावा हर मोहल्ले में खुल चुके बोतलबंद पानी के प्लांट प्रमुख हैं। सर्वे के मुताबिक बनारस में प्रति व्यक्ति को औसतन 135 लीटर पानी की जरूरत है। शहरवासियों को जलकल करीब 22 करोड़ लीटर पानी की आपूर्ति करता है। सर्वे के मुताबिक बनारस में प्रति व्यक्ति को औसतन 135 लीटर पानी की जरूरत है। बनारस में पेयजल पाइपलाइन में लीकेज से करीब 11 करोड़ लीटर पानी बर्बाद हो जाता है। यह आंकड़ा जलकल द्वारा किए जाने वाले पेयजल आपूर्ति का आधा है।

बोले अधिकारी : गर्मी के दिनों में पानी की दिक्कत नहीं हो, इसकी तैयारी अभी से की जा रही है। लीकेज दुरुस्त करने के साथ नलकूपों को ठीक किया जा रहा है। छह और नलकूप लगाए जा रहे हैं। - राघवेंद्र कुमार, महाप्रबंधक, जलकल विभाग, वाराणसी। 


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