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कोरोना संक्रमण फैलाने के लिए ट्रेनों की यह तस्वीर काफी, शारीरिक दूरी के नियमों का निकला दम

महाराष्ट्र केरल पंजाब व मध्यप्रदेश समेत देश के चार राज्यों में महामारी के फैलने का खतरा बढऩे लगा है। दूसरी तरफ ट्रेनों में सतर्कता की बात बेईमानी साबित है। बिहार से महानगरों की ओर जाने वाली प्रमुख गाडियों की बोगियों में शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 24 Feb 2021 09:26 PM (IST)Updated: Wed, 24 Feb 2021 09:26 PM (IST)
कोरोना संक्रमण फैलाने के लिए ट्रेनों की यह तस्वीर काफी, शारीरिक दूरी के नियमों का निकला दम
प्रमुख ट्रेनों की बोगियों में शारीरिक दूरी के नियमों का पालन नहीं हो रहा है।

वाराणसी, जेएनएन। महाराष्ट्र, केरल, पंजाब व मध्यप्रदेश समेत देश के चार राज्यों में महामारी के फैलने का खतरा बढऩे लगा है। दूसरी तरफ ट्रेनों में सतर्कता की बात बेईमानी साबित हो रही है। बिहार से महानगरों की ओर जाने वाली प्रमुख गाडियों की बोगियों में शारीरिक दूरी के नियमों का पालन नहीं हो रहा है। बुधवार को कैंट स्टेशन से गुजरने वाली गाड़ी संख्या-02391 श्रमजीवी स्पेशल ट्रेन पूरी तरह से पैक थी। जनरल बोगियों में पैर रखने की जगह न होने के बावजूद लोग खड़े- खड़े सफर कर रहे थे।

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रेलवे को भी ट्रेनों के परिचालन के बीच एसओपी का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया गया है। इसके बावजूद कैंट स्टेशन, मंडुआडीह स्टेशन और सिटी स्टेशन परिसर में लापरवाही हो रही है। मुंबई से आने वाले यात्रियों में संदिग्ध बीमारी की पड़ताल के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। बिना सैनिटाइज हुए यात्रियों को प्लेटफार्म से शहर में प्रवेश दिया जा रहा है। यहां फेस स्कैनर युक्त कैमरे तो लगाए है, जो उपयोगी से ज्यादा शोपीस बना हुआ है। बाहरी यात्रियों के आने पर उनका परीक्षण और ब्यौरा जुटाने के लिए स्टेशन पर तैनात स्वास्थ्य विभाग की टीम भी नदारद है।

परीक्षण के नहीं है इंतजाम

मुंबई और दिल्ली से आने वाले यात्रियों के परीक्षण के लिए कोई इंतजाम नहीं है। पूर्व के दिनों में कैंट स्टेशन और मंडुआडीह स्टेशन पर तैनात स्वास्थ्य विभाग की टीम भी नहीं दिखाई देती। सिर्फ फेस स्कैनिंग सीसीटीवी कैमरे की सहायता ली जा रही है। वही, यात्री रेलवे परिसर में बिना रोक-टोक बिना मास्क प्रवेश कर रहे हैं।

रोडवेज में कोरोना का भय खत्म

रेलवे से इतर रोडवेज बस स्टैंड से महामारी का भय समाप्त हो चुका है। यहां एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) का पालन कराने की बजाय खानापूॢत हो रही है। चालक और परिचालकों के चेहरे से मास्क उतर गया है।सैनिटाइजर मशीन भी शोपीस बने हुए हैं। स्थानीय अधिकारियों में भी कोविड-19 की चिंता खत्म हो गई है।

यात्रियों के चेहरे से मास्क गायब

कैंट स्टेशन और मंडुआडीह स्टेशन की तस्वीरें लापरवाही उजागर करती है। यहां शारीरिक दूरी और मास्क का पालन नहीं हो रहा। यात्री बिना मास्क के बैठे थे। जब यात्रियों को स्टेशन में प्रवेश दिया जा रहा था तो सबने मास्क लगा लिया। स्टेशन के अंदर पहुंच कर अधिकांश मास्क लगाए रहे, लेकिन कुछ ऐसे भी है जो मास्क नहीं लगा रहे हैं।


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