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वैक्सीनेशन वालों को ब्लैक फंगस का खतरा नहीं, बीएचयू के ईएनटी विभाग में कई लोगों ने किया संपर्क

ईएनटी विभाग के डा. एसके अग्रवाल ने बताया कि पहले भी ब्लैक फंगस के मामले आते थे लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में यह समस्या बहुत बढ़ गई है। जिन लोगों की इम्यूनिटी कम हो रही है वे शुगर के ग्रसित हैं पर ब्लैक फंगस आक्रामक हो जा रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 09:31 PM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 09:31 PM (IST)
वैक्सीनेशन वालों को ब्लैक फंगस का खतरा नहीं, बीएचयू के ईएनटी विभाग में कई लोगों ने किया संपर्क
बीएचयू के ईएनटी विभाग में दो दर्जन से अधिक लोगों ने ब्लैक फंगस को लेकर संपर्क किया है।

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर ने कई तरह की समस्या ला दी है। इस साल तो कोरोना रोगियों में लक्षण एवं परेशानी भी कई तरह की बढ़ गई है। हाल के दिनों में कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों में भी ब्लैक फंगस इंफेक्शन की समस्या पाई जा रही है। हालांकि राहत की बात हैं कि कोरोना की वैक्सीन लगा चुके लोगों में यह समस्या अभी तक नहीं मिली है। पहले जहां इसके रोगी एक साल में सात से आठ ही पाए जाते थे। वहीं इस साल मात्र 15 अप्रैल के बाद से ही अभी तक चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू के ईएनटी विभाग में दो दर्जन से अधिक लोगों ने ब्लैक फंगस को लेकर संपर्क किया है।

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ईएनटी विभाग के डा. एसके अग्रवाल ने बताया कि पहले भी ब्लैक फंगस के मामले आते थे, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में यह समस्या बहुत बढ़ गई है। कारण कि जिन लोगों की इम्यूनिटी बहुत कम हो रही है वे शुगर के ग्रसित हैं पर ब्लैक फंगस आक्रामक हो जा रहा है। यही वजह है कि अभी तक दो दर्जन से अधिक लोगों ने उपचार के लिए संपर्क किया। इसमें से कुछ का का यहां पर ऑपरेशन किया जा चुका है। डा. अग्रवाल ने बताया कि जितने भी मरीज पाए गए हैं वे वैक्सीन नहीं लगवाए हैं। इससे सिद्ध होता है कि जो लोग कोरोना की वैक्सीन लगवा लिए हैं वे काफी हद तक सुरक्षित हो गए हैं।

ब्लैक फंगस इंफेक्शन की दवाओं का बीएचयू में भी टोटा

ब्लैक फंगस इंफेक्शन के मामले पहले भी आते थे, लेकिन उनकी संख्या बहुत ही कम होती थी। इसके कारण की इसकी दवाओं का उत्पादन भी कम था। अचानक ही इस समस्या के बढ़ने से  बाजार में कुछ इंजेक्शन की कमी आ गई है। ईएनटी विभाग, बीएचयू के डा. विश्वंभर सिंह ने बताया कि ब्लैक फंगस इंजेक्शन की सभी दवाएं रखने के लिए कैंपस स्थित फार्मेसी से कहा गया है। सूत्र बता रहे हैं कि फार्मेसी की ओर से रात में दवा देने से मना कर दिया जा रहा है। इसके कारण मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।

डा. एसके अग्रवाल ने बताया कि लाइफोजोनल व पोटाकोना जोनल इंजेक्शन की बाजार में उपलब्धता ना के बराबर है। यह समस्या सिर्फ वाराणसी की ही नहीं बल्कि देशभर की है। वहीं इस संबंध में पूछे जाने पर केमेस्ट एंड ड्रगिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज खन्ना ने का कहना है कि लाइपोजोनल अम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन बीएचयू के उमंग फार्मेसी में उपलब्ध है, लेकिन अम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन नहीं है। इसकी डिमांड कंपनियों को भेजी गई है। चिकित्सकों से सुझाव लिया गया हैं कि अगर इन दवाओं या इंजेक्शन का कोई विकल्प हैं तो वे बता सकते हैं। ताकि मरीजों का समय पर उचार हो सके। बीएचयू स्थित उमंग फार्मेसी के प्रबंधक सदाशिव श्रीवास्तव ने बताया कि ब्लैक फंगस की दवाओं की अचानक ही मांग बढ़ गई है। इसकी कारण इनकी दवाएं अनुपलब्ध हैं। हालांकि कंपनियों से संपर्क साधा जा रहा है।


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