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व्यवस्था ठीक करने में पहले भी होता रहा है विवाद, बलिया के जेलर व चिकित्सक पर भी किया था जानलेवा हमला

जेल में बंदियों का बवाल थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। जेल प्रशासन की व्यवस्था ठीक होने पर बंदी अक्सर उग्र हाे जाते हैं। नए जेल अधीक्षक ने बंदियों के प्रतिबंधित वस्तुओं के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी थी। इससे बंदी बुधवार की देर शाम उग्र हो गए।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 16 Jul 2021 09:10 AM (IST)Updated: Fri, 16 Jul 2021 09:10 AM (IST)
व्यवस्था ठीक करने में पहले भी होता रहा है विवाद, बलिया के जेलर व चिकित्सक पर भी किया था जानलेवा हमला
बलिया जिला कारागार में हुए बवाल के दौरान बुधवार की देर रात मुख्य द्वार के बाहर तैनात पुलिस फोर्स।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। जेल में बंदियों का बवाल थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। जेल प्रशासन की व्यवस्था ठीक होने पर बंदी अक्सर उग्र हाे जाते हैं। नए जेल अधीक्षक ने बंदियों के प्रतिबंधित वस्तुओं के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी थी। इससे बंदी बुधवार की देर शाम उग्र हो गए। बंदी कई बार तो हिंसक घटनाओं को भी अंजाम दे चुके हैं। जेलर व चिकित्सक पर भी हमला बोल दिए थे।

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- 21 अप्रैल 2020 को बंदियों ने मोबाइल बरामद होने पर जेल प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। सीसीटीवी कैमरा को तोड़ते हुए जेलर विनय दुबे व चिकित्सक देवेश पांडेय की जमकर पिटाई कर दी थी।

-28 जून 2020 को जिला जेल में अवैध वसूली की शिकायत पर बंदियों के दो गुट आपस में भिड़ गए। दोनों तरफ से ईंट-पत्थर चले थे। इसमें कुछ बंदी भी घायल हुए थे।

-20 जुलाई 2020 को जिला जेल में बंदियों ने अपने ही साथी की चप्पल से जमकर पीटा था। इंटरनेट मीडिया पर इसका वीडियो भी वायरल हुआ था। बाद में पिटाई करने वाले तीन बंदियों को दूसरे जेल में भेज दिया था।

सिपाही रहा बंदियों के कब्जे में, पथराव में होमगार्ड घायल

बुधवार की रात सुरक्षा में तैनात पीएसी का जवान संजय यादव भी अंदर फंस गया था। वह घंटों बंदियों के कब्जे में था। वह उपद्रव के पहले अंदर निरीक्षण करने गया था। पुलिस के अंदर जाने के बाद वह किसी तरह सुरक्षित बाहर निकाला गया। वहीं बंदियों के पथराव करने पर बाहर पगली घंटी बजा रहे होमगार्ड मिथिलेश के सिर ईंट की चोट से जख्मी हो गया। इलाज जिला अस्पताल में कराया गया। जेलर अंजनी गुप्ता ने बताया कि पीएसी का जवान अंदर फंस गया था।

दिन में निकाले गए थे आपत्तिजनक सामग्री

जेल अधीक्षक यूपी मिश्रा ने जेल व्यवस्था बेहतर करने की कोशिश में हैं। उन्हाेंने बंदियों के समूह को बुलाकर नशा छोड़ने व जेल में लगाए पीसीओ से बात करने के लिये प्रेरित कर रहे थे। बुधवार की देर शाम जेलर की निगरानी में बंदी रक्षकों द्वारा छिपा कर रखे गए नशीला पदार्थ, सिम व मोबाइल को निकाल दिया गया था। इसको लेकर बंदी गुस्से में थे। बवाल का यही कारण माना जा रहा है।


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