Baliya के रेवती ब्लाक की जनता दो संसदीय व विधानसभा क्षेत्र में होने का झेल रही दंश
बलिया के रेवती ब्लाक की जनता दो संसदीय व दो विधानसभा क्षेत्र में पड़ने से दंश झेल रही है। यही कारण रहा कि यहां का विकास का पहिया थम गया है। बांसडीह व बैरिया विधानसभा सहित गंगा व घाघरा के पचास गांवों का सीधा संबंध रेवती बाजार से जुड़ा है।
बलिया, जेएनएन। रेवती ब्लाक की जनता दो संसदीय व दो विधानसभा क्षेत्र में पडऩे से दंश झेल रही है। यही कारण रहा कि यहां का विकास का पहिया थम सा गया है। बांसडीह व बैरिया विधान सभा सहित गंगा व घाघरा के पचास गांवों का सीधा संबंध रेवती बाजार से जुड़ा है। क्षेत्र की लगभग दर्जन भर संपर्क मार्गों के खस्ताहाल होने के चलते निजी वाहन नहीं चल पा रहें हैं ।
सड़क व साधन के अभाव में रेवती बाजार का दायरा भी सिमटता जा रहा है। रेवती से कुसौरीकला महज पांच किमी है। कुशहर पासवान बस्ती से कुसौरीकला तक 3 किमी संपर्क मार्ग इतना अधिक क्षतिग्रस्त है कि लोग रेवती न आकर सीधे सहतवार जाना मुनासिब समझते हैं । रेवती से हडियाकला भी 5 कि मी है । नगर के उत्तर टोला पुल से भोपालपुर, हडिया तिराहा तक दो कि मी सड़क की खस्ताहाल के चलते पैदल चलना भी दुष्कर हो रहा है। रेवती से कोलेन पांडेय के टोला महज दो किमी है।
बीज गोदाम से 500 मी संपर्क मार्ग अत्यधिक क्षतिग्रस्त होने से आए दिन वाहन चालक चोटिल होते रहते हैं । कोलनाला कुण्ड से दलछपरा श्रीनगर जाने वाला 3 कि मी लंबा संपर्क मार्ग पूरा का पूरा क्षतिग्रस्त हो गया । रेलवे स्टेशन जाने वाला डेढ़ कि मी लंबा संपर्क भी कई जगह डेमेज हो चुका है । क्षेत्र के अन्य आधा दर्जन संपर्क मार्गो की कमोवेश यही स्थिति होने से रेवती का विकास का पहिया थम सा गया है ।
अभी तक रेवती ब्लाक रोडवेज परिवहन सेवा से भी वंचित है। सीएचसी रेवती रेफर अस्पताल बनकर रह गया है । आयुर्वेदिक चिकित्सालय पर एक दशक से कोई चिकित्साधिकारी की नियुक्ति नहीं हो पायी है । रेवती थाना पर कार्यरत आरक्षी से लेकर एस आई व एस एच ओ तक को बैरक व आवास के अभाव में उन्हें किराया के मकान में रहना पड़ता है। ऐसे में लोगों को एक ऐसे मसीहा की तलाश हैं जो सभी समस्याओं से निजात दिला सके । विधायक व नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कहा कि रेवती का सर्वांगीण विकास उनके एजेंडे में है। वहां विकास योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं।