जो बचाएगा जमीन, होगा क्लब का सरताज
वाराणसी : शहर के प्रतिष्ठित क्लब में शुमार 'दी बनारस क्लब' के सचिव के भाग्य का फैसला रविवार ह
वाराणसी : शहर के प्रतिष्ठित क्लब में शुमार 'दी बनारस क्लब' के सचिव के भाग्य का फैसला रविवार होगा। इस बार का चुनाव काफी दिलचस्प होगा। बीते कुछ दिनों से क्लब की जमीन को लेकर चल रहा मुद्दा इस बार तय करेगा कि सचिव का ताज किसके सिर सजेगा। जो क्लब की जमीन बचाने में अहम भूमिका निभाएगा सचिव के आफिस की कुर्सी उसे ही मिलेगी।
सात सदस्यीय कमेटी के लिए 14 सदस्यों ने नामांकन किया था। शुक्रवार को नाम वापसी के अंतिम दिन कुमार अग्रवाल व अतुल सिंह ने पर्चा वापस ले लिया। सहायक चुनाव अधिकारी व क्लब के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी बीएन सिंह ने बताया कि चुनाव मैदान में अब सोलह सदस्य हैं। जिसमें वर्तमान सचिव जयदीप सिंह बबलू, नवीन कपूर, उदय राजगढि़या, अनिल कुमार सिंह, देव प्रमोद अग्रवाल, प्रदीप चौरसिया, राकेश वशिष्ठ, दीपक माहेश्वरी, प्रफुल्ल सोमानी, नीरज अग्रवाल, डा. संजय राय, आलोक पांडया, पुनीत जायसवाल और डा. समन्वय शुक्ला शामिल हैं। रविवार को सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक मतदान होगा। शाम पांच बजे से मतों की गणना शुरू होगी। क्लब के 1426 सदस्य सात सदस्यीय कमेटी के चुनाव के लिए अपने मत का प्रयोग कर उन्हें मैनेजिंग कमेटी को भेजेंगे। निर्वाचित कमेटी के कम से कम चार सदस्यों की सहमति से सचिव व कोषाध्यक्ष चुने जाएंगे।
दो राजनीतिक घराने आमने-सामने : बनारस क्लब का चुनाव इस बार कई मायने में सदस्यों के साथ-साथ क्लब में रूचि रखने वाले प्रशासनिक अधिकारियों के लिए भी उत्सुकता वाला बना है। पहली बार ऐसा देखने को मिल रहा है कि दो पैनल आमने-सामने हैं। एक पैनल वर्तमान सचिव जयदीप सिंह बबलू का है तो दूसरे पैनल की अगुवाई राकेश वशिष्ठ कर रहे हैं। दोनों ही पैनल में वोटरों को अपने पक्ष में प्रभावित करने की क्षमता रखने वाले दो सदस्य प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा से जुड़े हैं। इनके परिवार का पार्टी से पुराना नाता है और शहर के प्रतिष्ठित परिवार से भी हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि किसका पलड़ा भारी पड़ता है।
पार्टी-संदेशों का दौर शुरू : जैसे-जैसे चुनाव की घड़ी की सुई आगे बढ़ रही है चुनाव मैदान में उतरे सदस्यों के दिलों की धड़कन बढ़ रही है। क्लब के भीतर व बाहर के होटलों से लेकर फ्लैट में पार्टियों का दौर चल रहा है। हर कोई अपने-अपने तरीके से जीत के बाद के फायदे गिना रहा है। अचानक वाट्सएप पर कई ग्रुप बन गए हैं और गासिप शुरू हो चुकी है। कोई पुराने मामले उछाल रहा तो कोई जमीन की बात कर रहा। कुछ सदस्यों के पूर्व में हुए निष्कासन का मुद्दा भी जोरशोर से चल रहा है। शनिवार की रात उम्मीदवारों के लिए कत्ल की रात होगी। आज सारे दांव खेल लिए जाएंगे क्योंकि एक दांव भी उल्टा पड़ा तो शहर के सबसे क्रीम क्लब माने जाने वाले बनारस क्लब का 'नगीना' बनने के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी।