महंगाई डायन ने रसोई घर में डाल रखा है डेरा, दाम बढ़ने से बिगड़ रहा रसोई का बजट
लॉकडाउन के बाद से सब्जियों के दाम में इतनी तेजी के साथ उछाल आया कि किसी को जानकारी नहीं थी कि सब्जियों का राजा आलू का दाम एकाएक 32 रुपया हो जाएगा। एक तरफ लोगों की आमदनी पर ग्रहण लग गया है।
वाराणसी, जेएनएन। लॉकडाउन के बाद से सब्जियों के दाम में इतनी तेजी के साथ उछाल आया कि किसी को जानकारी नहीं थी कि सब्जियों का राजा आलू का दाम एकाएक 32 रुपया हो जाएगा। एक तरफ लोगों की आमदनी पर ग्रहण लग गया है, वही गरीब की थाली से सब्जी भी गायब होती चली जा रही है। पहले लोग सौ रुपये में झोला भरकर सब्जी ले आते थे लेकिन इन दिनों छोटी सी थैली में भी सौ रुपये की सब्जी नहीं दिखती है।
मौसमी सब्जियों की पूरी तरह से बाजार में आवक नहीं हो पाने से बाजार में सब्जियों के दामों में पंख लगने शुरु हो गए हैं। एक ओर पैदावार बारिश और बाढ़ की वजह से प्रभावित हुई है ताे दूसरी ओर कोराेना संक्रमण के खतरों के बीच सब्जियों के बिक्री को लेकर भी किसानों के मन में काफी चिंता होने से खेती सोच समझ कर ही करने की तैयारी कर रहे हैं। इसकी वजह से आम शहरियों के सामने भी महंगाई का संकट पैदा होता जा रहा है।
वाराणसी और आस पास के क्षेत्र के लोगों का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान सब्जी के दाम बहुत ही कम थे लेकिन अब तिगुना बढ़ गया है। पालक जो हर कोई नहीं खाता है उसका दाम 10 जगह अब 40 रुपये हो गया है। इसी तरह शिमला मिर्चा 80 की जगह 120, टमाटर 25 की जगह 60 से 70, नेनुआ 20 से बढ़कर 30 रुपये किलो बिक रहा है। खीरा 10 की जगह 20, गाजार 25 से बढ़कर 40,कद्दू 15 के स्थान पर 25, गोभी पांच की जगह 40 रुपये पीस बिक रहा है। परवल 30 से 80 रुपये किलो तक पहुंच गया है। प्याज ऐसे में कहां पीछे रहने वाला है वह 20 से बढ़कर 44 रुपये तक पहुंच गया है। बैगन, 24 के स्थान पर 32, चुकंदर 30 से 40 रुपये हो गए है।