हजारों खिलाड़ियों का भविष्य दांव पर
कृष्ण बहादुर रावत वाराणसी: उत्तर प्रदेश में खेल निदेशालय के प्रमुख कार्यो में खेल प्रशिक्षण
कृष्ण बहादुर रावत
वाराणसी: उत्तर प्रदेश में खेल निदेशालय के प्रमुख कार्यो में खेल प्रशिक्षण भी है। लेकिन सरकार इस पर कितनी गंभीर है। यह इससे पता चलता है कि 31 मार्च तक अंशकालिक मानदेय प्रशिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई। मालूम हो कि एक अप्रैल से सामान्यता प्रशिक्षण कार्य शुरू हो जाता है। प्रशिक्षण शुरू न होने से प्रदेश के हजारों खिलाड़ियों का भविष्य दांव पर लग गया है। खेल निदेशालय उत्तर प्रदेश के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अभी कब तक प्रशिक्षण शुरू होगा। यह पता नहीं और प्रशिक्षकों की नियुक्ति कब होगी, इस बारे में सभी उच्चाधिकारी मौन है।
जनपद के सिगरा स्टेडियम में 17 (ताइक्वांडो, कुश्ती, मुक्केबाजी, भारोत्तोलन, जूडो, बैडमिंटन, जिम्नास्टिक, कबड्डी, एथलेटिक्स, बास्केटबॉल, हॉकी, कबड्डी, खो-खो, वालीबॉल, हैंडबॉल के एक-एक एवं फुटबॉल के दो) अंशकालिक मानदेय प्रशिक्षक हैं। सामान्य तौर पर इनका कार्यकाल 10 महीने का होता है। परीक्षा के कारण फरवरी और मार्च में शिविर बंद रहता है। इन प्रशिक्षकों को इनके खेल स्तर के अनुरूप मानदेय दिया जाता है। सिगरा स्टेडियम और अंबेडकर क्रीड़ा संकुल में 19 प्रशिक्षकों से लगभग एक हजार प्रशिक्षु सुबह-शाम प्रशिक्षण प्राप्त करते है। डा. भीमराव अंबेडकर क्रीड़ा संकुल, बड़ा लालपुर में हॉकी और कुश्ती का प्रशिक्षण अंशकालिक मानदेय प्रशिक्षक देते हैं।
सभी प्रशिक्षक तो परेशान हैं, उनके सामने रोजी रोटी का संकट है तो दूसरी ओर प्रशिक्षुओं का कहना है कि अप्रैल से उनकी प्रतियोगिताएं शुरू होंगी। ऐसे में उनका प्रशिक्षण कार्य बाधित होगा।
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कुछ कहने में असमर्थ: अधिकारी
खेल निदेशालय अंशकालिक मानदेय प्रशिक्षक कब नियुक्त करेगा, इस बारे में वह कुछ नहीं कह सकते है। खेल निदेशालय से जैसा आदेश आएगा, उसकी के अनुसार कार्य होगा।
एसएस मिश्रा, क्षेत्रीय
क्रीड़ाधिकारी, वाराणसी मंडल