लोकसभा चुनाव : चौतरफा घेरने के लिए बसपा का महाभियान, किसी भी लहर का असर नहीं
भाजपा प्रत्याशी के नामांकन और कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा के साथ ही बसपा ने अपना चुनावी प्रचार तेज कर दिया है। इसके साथ ही बूथ-बूथ तक महाभियान छेड़ दिया है।
वाराणसी, जेएनएन। भाजपा प्रत्याशी के नामांकन और कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा के साथ ही बसपा ने अपना चुनावी प्रचार तेज कर दिया है। इसके साथ ही बूथ-बूथ तक महाभियान छेड़ दिया है। बसपा को अभी भी मतदाताओं पर विश्वास है कि विपक्षी खेमे की लहर कोई जादू नहीं करने जा रही है।
दरअसल, भाजपा के रोड शो में जमा भीड़ के बाद अब कयास नहीं विश्वास हो गया कि इस चुनाव में जीत किसकी होगी। इसके बावजूद बसपा खेमे में महागठबंधन की जीत में एक पाई का संशय नहीं है। वाराणसी लोकसभा सीट पर उन्हें अपने मूल मतदाताओं पर पूरा भरोसा है।
चंदौली में अपने प्रत्याशी का नामांकन कराकर वापस उत्तरी विधान सभा क्षेत्र में पहुंचे बसपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मण राम कहते हैं कि रोड शो की हकीकत कुछ दूसरी है। बसपा मतदाताओं को अपने नेता पर पूरा विश्वास है। महागठबंधन की ताकत उसके मतदाता हैं। बसपा का सामाजिक न्याय भी इस चुनाव में कमाल दिखाने वाला है। यानी महागठबंधन की दोनों प्रमुख पार्टियां बसपा व सपा अबकी चुनाव में वाराणसी ही नहीं पूरे पूर्वांचल में ऐतिहासिक परिणाम देने वाली हैं। बसपा को भरोसा है कि इस चुनाव में सवर्ण मतदाताओं में भी बिखराव होगा। क्योंकि भाजपा सरकार की कुछ संवैधानिक निर्णयों ने असंतुष्ट किया है। मतलब साफ है कि बसपा सिर्फ अपने मूल मतदाता तक नहीं बल्कि असंतुष्टों को अपने सांचे में फिट करने की भी कोशिश है।
बहरहाल, भाजपा के रोड शो में लगभग सात लाख की भीड़ निश्चित ही विपक्षी खेमे को सोचने के लिए बाध्य कर दिया है। भाजपा जहां विकास के एजेंडे को धार देने में लगी है वहीं बसपा महागठबंधन को उत्पीडऩ से मुक्ति दिलाने वाला साबित करने में लगी है। हालांकि इस चुनाव में सवर्णों पर सीधे हमले भले नहीं किए जा रहे हों लेकिन भाजपा को एक उत्पीड़क के रूप में जरूर पेश करने पर बल दिया जा रहा है। अब यह प्रयास मतदान में कितना रंग लायेगा यह तो 23 मई को मतगणना के बाद ही तय होगा।